शरद मिश्रा”शरद”
लखीमपुर खीरी:NOI- पीलीभीत टाइगर रिज़र्व के चांदोपुर गांव में दिनाँक 5 मार्च को एक युवती को बाघ ने मार दिया था एंव बाघ को ग्रामीणों ने घेर लिया आनन फानन में वन विभाग एंव स्थानीय पशु चिकित्सकों द्वारा उक्त बाघ को बेहोश कर उसको सुरक्षित कर दिया गया । बाघ का चिकित्सकीय परीक्षण भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान , बरेली के विशेषज्ञ पशु चिकित्सकों द्वारा करने के एंव इस बात की पुष्टि करने के पश्चात की बाघ में कोई शारीरिक दोष नही है एंव उसको सुरक्षित प्रकृतिक आवास में छोड़ा जा सकता है उच्च अधिकारियों ने दुधवा में छोड़े जाने का निर्णय लिया । भारत सरकार के राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के दिशा निर्देश के क्रम में कि यदि कोई बाघ आबादी में पकड़ा गया है एंव कोई शारीरिक दोष एंव आदमखोर होने का पुराना इतिहास नही है तो उसको जब भी जंगल में छोड़ा जाय तो रेडियो कॉलर लगा कर छोड़ा जाय जिससे कि उसको हर समय मॉनिटर किया जा सके इसी क्रम में वन विभाग द्वारा डब्लू डब्लू एफ़ से सैटेलाइट रेडियो कालर हेतु अनुरोध किया गया जिसपर अमल करते हुए डब्लू डब्लू एफ़ के रेडियो कॉलर विशेषज्ञ एंव रिमोट सेंसिंग डिवीजन के निदेशक डॉ. जी. अरीन्द्रन एंव डब्लू डब्लू एफ़ के बाघ विशेषज्ञ डॉ. प्रणव चंचानी उच्च तकनीक से लैस सैटेलाइट रेडियो कॉलर लेकर पहुंच गए बाघ को दुधवा लाने के पश्चात वन विभाग के कानपुर चिड़ियाघर के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ नासिर द्वारा बाघ का परीक्षण कर बेहोश किया गया एंव डॉ प्रणव , डब्लू डब्लू एफ़ के जंतु वैज्ञानिक श्री आशीष बिष्टा एंव रोहित रवि के सहयोग से रेडियो कॉलर लगाया गया एंव इस कार्यक्रम में समन्वय श्री दबीर हसन , परियोजना अधिकारी , क्षेत्रीय वनाधिकारी बेलरायां रेंज श्री अशोक कश्यप एंव कतर्नियाघाट फॉउन्डेशन के श्री फजलुर्रहमान ने किया । पशु चिकित्सक द्वारा समस्त परीक्षण करने के करने के बाद श्री महावीर कौजलगी उप निदेशक के नेतृत्व में विशेषज्ञों की उपस्थिति में नर बाघ को प्रातः दुधवा में प्राकृतिक आवास में छोड़ दिया गया। उपनिदेशक दुधवा ने बताया कि बाघ की प्रतिदिन मॉनिटरिंग डब्लू डब्लू एफ़ के सहयोग से किया जायेगा।
उक्त प्रकिया में फील्ड डायरेक्ट दुधवा नेशनल पार्क ने बताया राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के दिशा निर्देश के अनुरूप समस्त कार्य संचालित किया गया है एंव रेडियो कॉलर किये गए बाघ को दुधवा में छोड़े जाने से बाघ संरक्षण एंव उसके गतिविधियों के अध्ययन में नया आयाम मिलेगा ।
पार्क प्रशासन ने डब्लू डब्लू एफ़ को रेडियो कॉलर प्रदान करने एंव मॉनिटरिंग में सहयोग करने हेतु धन्यवाद दिया।
उप निदेशक दुधवा ने सभी संस्थाओं, फील्ड स्टाफ एंव विशेषज्ञों का सहयोग हेतु आभार प्रकट किया ।
चंदू को रेडियो कॉलर मुहैया कराने वाले डब्ल्यू डब्ल्यू एफ़ के रिमोट सेंसिंग शाखा के निदेशक डॉ जी. अरीन्द्रन ने बताया कि इस कॉलर की विशेषता यह है यह सेटेलाइट एंव वी.एच. एफ़. तकनीक से लैस है जो हर चार घंटे पर सैटेलाइट गूगल मैप पर जानवर का जी.पी. इस.लोकेशन ई मेल करेगा एंव उसके आधार पर जमीन पर वी. एच. एफ़. सिस्टम से रिसीवर एंव एंटीना के सहयोग से 2 से ढाई किलोमीटर की परिधि में जानवर को ढूंढने में सहायता करेगा। इस यंत्र की सहायता से बाघ बाघ की गतिविधियों का अध्ययन किया जा सकेगा। डॉ अरीन्द्रन ने बताया कि इसकी बैटरी की अवधि 2 से 3 साल होती है एंव यह प्रयोग पर भी निर्भर करता है । कॉलर की कीमत 4.5 लाख एंव रिसीवर एंटीना की कीमत 1.5 लाख रुपये होती है एंव इसका वजन 1.3 किलोग्राम होता है । डॉ अरीन्द्रन इस सम्बंध में कर्मचारियों अभी प्रशिक्षण भी प्रदान करेंगे ।