हाजीपुर – मन में विश्वास, कुछ कर गुजरने की चाहत और निष्ठा है तो मंजिल मिलनी मुश्किल नहीं। हाजीपुर के एक गांव में मुफलिसी के दौर में पली बिहार की बिटिया ने यह कर दिखाया है। चाय बेचने वाले की संतान को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी रविवार को दिल्ली में नर्सिग क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवा के लिए फ्लोरेंस नाइटिंगिल पुरस्कार से नवाजेंगे। पूरे देश की 35 नर्सो को यह गौरव हासिल हुआ है, जिसमें बिहार से सुनीता इकलौती हैं।
हाजीपुर शहर से महज चार किलोमीटर की दूरी पर है सुनीता का गांव कर्णपुरा। वहां पिता रघुनाथ प्रसाद की चाय-नाश्ते की छोटी दुकान है। दुकान अब उनका बड़ा पुत्र अजीत चलाता है। बड़ी बेटी सुनीता हाजीपुर सदर अस्पताल में स्थित बिहार के पहले नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (एसएनसीयू) में ग्रेड-ए नर्स है। छोटी बेटी रीना मध्य विद्यालय कुतुबपुर में शिक्षिका और छोटा बेटा राजेश गांव में ही राजकीय प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक है। अपनी छोटी सी दुकान से हुई कमाई से रघुनाथ ने न सिर्फ पूरे परिवार की परवरिश की बल्कि बच्चों को अच्छी शिक्षा देने की कोशिश की। बेटी के साथ रघुनाथ भी दिल्ली गए हैं। वहीं से फोन पर कहा कि उनके जीवन में यह बड़ी खुशी का पल है।
बताते हैं कि सुनीता बचपन से ही पढ़ने-लिखने में काफी तेज थी। सुखदेव-मुखलाल कॉलेज से इंटर प्रथम श्रेणी में पास हुई। इसी दौरान उन्होंने उसकी शादी कर दी। ससुराल में पढ़ाई-लिखाई का माहौल नहीं था। पढ़ाई की बात करने पर उसे प्रताड़ित भी किया गया, लेकिन उसके सपनों को पंख पिता ने दिया। नर्सिग में 88 प्रतिशत अंकों के साथ वह पास हुई। कई जगह काम करने के बाद वह हाजीपुर सदर अस्पताल में ग्रेड-ए नर्स के पद पर बहाल हुई। अपनी सेवा से नवजात बच्चों की मृत्यु दर को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।