दीपक ठाकुर:NOI।
एनडीए की सरकार ने अपने चार साल पूरे कर लिए हैं।इन चार सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को सुधारने की कई मुहिम छेड़ी साथ ही देश मे नोटबन्दी जैसा साहसिक कदम भी उठाया पर सवाल यही है कि क्या इन सब बातों से जनता के हिस्से में क्या आया अच्छे दिन आये या विकास का परचम लहराया।
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मोदी सरकार के 4 साल पूरे होने पर आज टीवी चैनलों पर जनता के मूड की कवरेज देख रहा था दिल्ली से बिहार और उत्तर प्रदेश से गुजरात सभी जगह जनता से ये जानने की कोशिश हो रही थी कि जनता केंद्र की सरकार से कितनी खुश है और कितनी नाराज़।जनता से जब पूछा गया तो लोगो की मिली जुली प्रतिक्रिया सुनाई दी किसी ने कहा कि सरकार ने विकास किया है इसलिए वो सरकार से खुश है तो किसी ने कहा कि जब काँग्रेस को 60 साल दे सकते हैं तो इनको 10 साल देने में कोई हर्ज नही वही कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्होंने केंद्र सरकार की तुलना दिल्ली की सरकार से कर दी और कहा कि भाजपा भी वादों के बदौलत सत्ता में आई मगर केजरीवाल की तरह वादे पूरे करने में नाकाम साबित हुई है।
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हमने भी लखनऊ में जनता का मूड जानने की कोशिश की तो अधिकांश लोगों को सरकार से अभी भी उम्मीद दिखी कि सरकार कुछ अच्छा ज़रूर करेगी जो जनता को प्रभावित करेगा वही कुछ का मानना था कि इस सरकार ने सत्ता में आते ही जनता से जुड़े मुद्दों को भुला दिया इस लिए सरकार बदलनी चाहिए।मतलब लोगो मे नाराज़गी तो है पर एक सॉफ्ट कार्नर भी है क्योंकि उनको लगता है कि मोदी के राज में उनका अहित नही होगा।
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कुल मिला के देखा जाए तो लोग ये चाहते हैं कि सरकार दोबारा आये साथ ही ये भी चाहते हैं कि अपने वादों को निभाये क्योंकि अभी तक की जो तस्वीर है वो ज़्यादा खुशी देने वाली नही है वो इसलिए के 2014 में जब भाजपा अपना चुनाव प्रचार करती थी तो जनता को लगता था कि ये पार्टी ही उनके दुखो का अंत करेगी लेकिन सरकार की मजबूरी कहें या देश के मौजूदा हालात सरकार उसमे सफल होती अभी तक दिखाई नही दी इसका भी कारण है वो ये के कश्मीर मुद्दे को लेकर सरकार का सख्त रुख वैसा नही दिखा जैसा विपक्ष में दिखता था और पेट्रोल की कीमतों पर उसका नज़रिया भी अब वैसा नही रहा जैसी बातें पहले की जाती थी।
लेकिन नरेंद्र मोदी ने देश को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक अच्छा मोकामा ज़रूर दिलाया है इसमें कोई संदेह नही पर यहां बात ये भी आती है कि जब देश मे सब ठीक नही हुआ तो विदेशों में साख बनाने का क्या मतलब।खैर अभी एक साल और है मौजूदा सरकार के पास बाज़ी अभी भी पलट सकती है क्योंकि विपक्ष का हाल बेहाल है तभी तो अभी सिर्फ भाजपा ही कह रही है कि 4 साल बेमिसाल है।