वोटिंग के दौरान ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोप लगाने वालों को अब चुनाव आयोग ने खुला चैलेंज दिया है. आयोग ने ईवीएम की पुख्ता सुरक्षा का दावा करते हुए कहा कि मई के पहले हफ्ते से लेकर 10 मई के बीच कोई भी उनकी इन मशीनों को हैक करके दिखाए. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, चुनाव आयोग इस दौरान EVM में टैंपरिंग करने के साथ इन मशीनों को खोलकर भी उसमें छेड़छाड़ करने की चुनौती दे सकता है.
राजनीतिक दल उठा रहे हैं EVM पर सवाल
बता दें कि बीएसपी सुप्रीमो मायावती, आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल सहित समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेंस सहित विभिन्न राजनीतिक दलों ने 6 राज्यों के विधानसभा चुनाव में EVM की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे. कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने EVM हैक मामले को लेकर आज राष्ट्रपति से भी मुलाकात की थी. वहीं केजरीवाल ने चुनाव आयोग को चैलेंज किया है कि वह अपने अधिकारी की निगरानी में उन्हें ईवीएम दे तो वे साबित कर देंगे छेड़छाड़ होती है.
इन्हीं रोज-रोज के आरोपों से आजिज चुनाव आयोग अब तक तो दस्तावेजी सबूतों के आधार पर ही ईवीएम के वज्रदुर्ग की रक्षा कर रहा था. लेकिन अब जगह-जगह से आ रही कच्ची-पक्की, सोशल मीडिया टाइप वायरल चीजों से आए दिन दो चार हो रहे आयोग ने ये आयोजन करने की ठान ली है.
पहले भी हो चुका है ऐसा आयोजन
इससे पहले भी सन 2004 में चुनाव आयोग ने ऐसी ही एक कार्यशाला आयोजित की थी. उसमें भी कोई ईवीएम को हैक या टेंपर नहीं कर पाया था. लेकिन तब भी बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी समेत कई दिग्गजों ने बुरी तरह चुनाव हारने के बाद ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए थे. चुनाव आयोग ने बताया कि 2009 में भी ईवीएम की विश्वसनियता पर सवाल उठाए जाने के बाद हमने खुला चैलेंज दिया था, लेकिन कोई इसे साबित नहीं कर सका.
मशीन पर सवाल उठा रहे राजनीतिक दल
विधानसभा चुनावों में हारने वाले दलों जिनमें कांग्रेस, AAP और अन्य दल शामिल हैं, उन्होंने अब ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं. उनका दावा है कि मशीन तैयार करते वक्त जब प्रोग्रामिंग की जाती है, उसी वक्त डाटा में गड़बड़ी की जा सकती है. यानी फीड में ही खेल किया जाता है, तभी आगे भी मशीन गड़बड़ नतीजे दे सकती है.
चुनाव आयोग ने खारिज किए सभी आरोप
इन आरोपों पर चुनाव आयोग का कहना है कि प्रोग्रामिंग में भी गड़बड़ी मुमकिन नहीं है. ऐसा हो ही नहीं सकता कि पोलिंग एजेंट को चेक कराते वक्त मशीन दूसरा नतीजा दे और वोटिंग के समय दूसरा नतीजा दे. चुनाव आयोग ने चुनौती दी है कि ऐसे आरोप लगाने वाले अपनी बात साबित करें.