नई दिल्ली,एजेंसी । सोमवार को पूरे प्रदेश में मौजूद लाखों एटीएम और बैंक कैशलेस हो सकते हैं। सोमवार को हो सकता है कि बैंक आपको पैसा देने से इनकार कर दें। वजह, बैंकों के पास पैसा नहीं होना है।
सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मियों की कमी की वजह से कानपुर आरबीआई से पिछले एक सप्ताह से पैसा नहीं आने से ऐसी हालत हो गई है। इसके विकल्पों पर बैंक अधिकारी मंथन कर रहे हैं।
शनिवार को नोटबंदी को लेकर 100 दिन पूरे हो चुके हैं लेकिन उपभोक्ताओं की दिक्कत अभी खत्म नहीं हुई है। कभी एटीएम या बैंक से पैसे मिल जाते हैं तो कभी नहीं।
बैंक कर्मियों ने बताई अपनी मजबूरी
दिल्ली से सटे गाजियाबाद और नोएडा में भी कैश न होने से लोगों का बुरा हाल है।गौतमबुद्ध नगर के लीड डिस्ट्रिक्ट मैनेजर एके सिंह का कहना है कि गाजियाबाद, मेरठ, बुलंदशहर और नोएडा के चेस्ट में कानपुर आरबीआई से पैसा नहीं आ पा रहा है।
चूंकि पैसा लाने के लिए जिले की पुलिस जाती है, लेकिन यह सभी पुलिसकर्मी चुनाव ड्यूटी में दूसरे जिलों में गए हैं। लिहाजा पैसा लाने का काम नहीं हो पा रहा है। इस बाबत सभी जिलों में मौजूद लीड बैंक मैनेजर आरबीआई, डीएम और एसएसपी से बात कर रहे हैं, लेकिन समस्या का समाधान अभी तक नहीं निकला है।
प्राइवेट बैंकों का हाल भी बुरा
प्राइवेट बैंकों को भी कैश लाने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। प्राइवेट बैंकों के पास भी पहले से मौजूद कैश खत्म होने को है। गुरुवार को गाजियाबाद के कई प्राइवेट बैंकों के एटीएम में कैश नहीं था।
जिन एटीएम में पैसा नहीं है, उसमें आगे पैसा आने की संभावना न के बराबर है। वहीं बैंकों के ब्रांच भी एटीएम में पैसा नहीं डाल रहे हैं। बैंक अधिकारियों की ओर से आरबीआई से भी अपील की गई है कि वह अपनी ओर से सुरक्षाकर्मियों की व्यवस्था कर पैसा भिजवाएं ताकि लोगों का किसी तरह से काम चल सके।
पटेल ने दिया था नोटों की कमी खत्म होने का भरोसा
रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा है कि नोटों की कमी को जल्द खत्म कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश पुनर्मुद्रीकरण की दिशा में देश तेजी से बढ़ रहा है।
उर्जित पटेल ने कहा कि नोटबंदी के पहले दिन से ही नोटों की छपाई का काम पूरी क्षमता के साथ किया जा रहा है और हालात को काफी हद तक सामान्य कर लिया गया है।
एक चैनल को दिये इंटरव्यू में कहा , “जहां तक पुनर्मुद्रीकरण की बात है, मुझे लगता है कि हम इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। इसलिए नोटबंदी के बाद हम हालात को हर आयाम से सामान्य करने में सक्षम हुए हैं।”