नई दिल्ली,एजेंसी । राजनीति के बाग बहादुर मुलायम सिंह यादव ने आक्रामक रुख अपनाते हुए राजनीति के पत्ते फेटना शुरू कर दिया है। उन्होंने मकर संक्रांति के दिन छोटे भाई को नए प्रस्ताव के साथ कांग्रेस के पास भेजा।शिवपाल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता माखनलाल फोतेदार से मिले हैं। यह मुलाकात मुलायम के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन के सिलसिले में हुई है। देखना है आगे क्या होता है।
शिवपाल के साथ माखन लाल फोतेदार की काफी देर तक चर्चा हुई। चर्चा में माखन लाल फोतेदार ने कहा कि वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के पास शिवपाल का प्रस्ताव लेकर जा सकते हैं, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि मुलायम सिंह के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी अखिलेश के नेतृत्व वाले दल से ज्यादा सीटों का प्रस्ताव दें।
फोतेदार ने इस क्रम में 150 सीटों को देने का प्रस्ताव रखा तो शिवपाल ने कहा कि उनकी पार्टी कांग्रेस को 135-40 सीटें तक दे सकती है। इससे अधिक सीटों के लिए मुलायम सिंह से बात करने के बाद ही शिवपाल ने कोई उत्तर देने को कहा है
क्यों भेजा मुलायम ने प्रस्ताव
कौन है माखन लाल फोतेदार
इंदिरा गांधी के जमाने में राजनीति पर अच्छी पकड़ रखने वाले फोतेदार का नेहरू-गांधी परिवार से करीब का रिश्ता रहा है। फोतेदार इंदिरा जी के समय में काफी सक्रिय थे। माखन लाल फोतेदार को कभी राजनीति का चाणक्य कहा जाता था। गुड़गांव में रहने वाले कश्मीरी पंडित माखन लाल फोतेदार ने हाल में एक किताब चिनार लीव्स लिखी थी। इस किताब में उन्होंने राहुल गांधी के नेतृत्व को लेकर सवाल उठाया था। फिलहाल वह कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य हैं और सोनिया गांधी से मिलते रहते हैं।
क्यों भेजा मुलायम ने प्रस्ताव
पिछले डेढ़ दशक से गठबंधन के नाम पर कांग्रेस को छकाने वाले मुलायम का यह नया पैंतरा है। इसके बहाने जहां वह अखिलेश के नेतृत्व में एक हो रही समाजवादी पार्टी की धार को कम करना चाहते हैं, वहीं उनकी कोशिश जोरदार मुकाबले की है।
कांग्रेस के अलावा वह राष्ट्रीय लोकदल, जद(यू), एनसीपी समेत उ.प्र. के कई अन्य छोटे-छोटे दलों के पास भी गठबंधन का प्रस्ताव भेज सकते हैं। माना यह जा रहा है कि मुलायम सिंह की पहली और आखिरी कोशिश किसी भी कीमत पर अखिलेश के नेतृत्व में उ.प्र. में सरकार बनने की स्थिति को रोकना है। ताकि वह प्रो. राम गोपाल यादव से समाजवादी पार्टी तोड़ने का सही ढंग से हिसाब-किताब कर सकें।