चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में भारतीय टीम ने टॉस जीत कर पहले गेंदबाज़ी का फैसला किया जो की समझ से परे था क्यों की सारी दुनिया जानती है की पाकिस्तानी टीम रन चेस में काफी कमजोर है और दबाब में बिखर जाती है लेकिन फिर भी विराट ने फले गेंदबाज़ी ली और फिर वो भारतीय युवा तेज़ गेंदबाज़ जो पुरे टूर्नामेंट में अच्छा कर रहे थे वो दबाब के आगे बिखर गए और इसी का फायदा उठाया दोनों पाकिस्तानी ओपनर बलेबज्जो ने और कर दिया पाकिस्तान के लिए वो सुरुआत जहा से भारतीय टीम कभी वापसी नहीं कर सकी फखर ने शानदार 114 रन बनाकर पाकिस्तान को चार विकेट से 338 रन बनाने में मदद की तो वही तेज गेंदबाज अमीर ने भारत के शीर्ष तीन बल्लेबाजों को आउट कर के दिया।जिस कारण से भारतीये टीम 158 रनों पर सिमट गयी और उसे 180 रनों की करारी हर झेलनी परी पाकिस्तान टूर्नामेंट में सबसे कम रैंकिंग टीम के रूप में आ गया था और अपने शुरुआती ग्रुप मैच में भारत के हाथो भारी हार झलने के बाद उसने ग्रुप स्टेज में दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका को हराकर अपने कदम मजबूत किये और फिर सेमी फाइनल में मेज़बान इंग्लैंड को हरा दिया फाइनल मैच मे शुरु से ही किस्मत भारतीय टीम का साथ नहीं दे रही थी क्यों की जब पाकिस्तानी पारी शुरु हुई तभी सुरुआत में ही जसप्रित बूमरा की एक गेंद बल्लेबाज़ फकर के बैट को चूमती हुए धोनी के दस्तानो में समां गयी लेकिन ये गेंद नो बॉल थी 27 वर्षीय बाएं हाथ के बल्लेबाज ने अपना पहलाअंतरराष्ट्रीय शतक बनाने के लिए पूरा फायदा उठाया और पाकिस्तान को 358 रनों तक पंहुचा दिया और जब भारत की इनिंग शुरु हुआ तो सुरुआत से ही उसे झटके लगने सुरू हो गया रोहित शर्मा ने स्विंगिंग डिलीवरी के साथ शून्य के लिए थे तभी एलबीडब्ल्यू आउट किया और भारत की तावीज़ विराट कोहली को एक और गेंद से हटा दिया और कोहली के आउट होते हे पूरी भारतीय टीम बिखर गयी हालांकि, पांड्या ने संक्षिप्त रूप से 76 के साथ अपनी आत्माओं को उठाया,औउन्होंने शद्दा से तीन लगातार छक्कों के साथ अपने पचास तक पहुंचने के बाद छह रनों का छक्का लगाया।और अच्छा खेल भी रहे थे लेकिन जडेजा ने उन्हें रन आउट करबा कर भारत की रही सही उम्मीद भी खत्म कर दी और फ्हिर पूरी भारतीय टीम 158 रनों पर सिमट गयी और उसका एक और बार चैंपियन बनने का सपना टूट गया और करोरो क्रिकेट प्रेमिओ का दिल भी जो भारतीय टीम से बरी उमीदे कये हुए थे