लखनऊ, शैलेन्द्र कुमार। इस समय जो चुनावी वोटों का महासंग्राम चल रहा है उसमें हर जिले के लोग अपने पिछले समय के वोटिंग के रिकॉर्डों को तोड़ नए रिकॉर्ड कायम कर रहे हैं। और 2017 में तो लगभग सभी जिलों के लोगों ने भारी-भरकम वोट देकर अपने जिलों को वोटिंग में पिछले सालों के मुकाबले इस साल नए रिकॉर्ड बनाए हैं।
और इसी रिकार्डों के सिलेसिले को आगे बढ़ाते हुए पूर्वांचल ने भी अपने छठे चरण के मतदान में नए रिकॉर्ड कायम करने की कोशिश की लेकिन चूक गया।पिछले चुनाव से 2 प्रतिशत ज्यादा वोटिंग होने के बावजूद वोटिंग के इस महासंग्राम के अपने छठे दौर के मतदाता फर्स्ट क्लास से चूक गए।
पूर्वांचल में छठे चरण में 7 जिलों की 49 सीटों के लिए शनिवार को यहां 57.03 प्रतिशत मतदान हुआ। और यहीं 2012 के विधानसभा चुनाव में इन जिलों में 55.04 प्रतिशत मतदान हुआ था। इसका कारण कुछ हद तक ईवीएम व वीवीपैट खराब होना भी माना जा सकता है। छठे चरण के मतदान के दौरान कई जिलों में ईवीएम मशीनें खराब होने की शिकायतें मिली हैं।
कुल 163 मशीनें खराब हुईं। इनमें से कुछ तो मॉक पोल के समय ही खराब हो गईं। जिन्हें तत्काल बदला गया। कुछ स्थानों पर मतदान के दौरान मशीनें गड़बड़ हुईं। इस कारण कुछ देर के लिए मतदान भी बाधित हुआ। हालांकि अफसरों ने जल्द ही मशीनें बदलकर मतदान शुरू कराया। 72 वीवीपैट मशीनें भी खराब हुई हैं। इन्हें भी बदलकर मतदान शुरू कराया गया।
पूर्वांचल के 7 जिलों में 49 सीटों पर वोटिंग में महाराजगंज में सबसे ज्यादा और वहीं देवरिया में सबसे कम वोटिंग हुई। और 7 जिलों में वोटिंग का प्रतिशत कुछ इस तरह है-
आजमगढ़ 56.38 प्रतिशत
बलिया 55.57 प्रतिशत
देवरिया 54.89 प्रतिशत
कुशीनगर 58.08 प्रतिशत
महाराजगंज 60.80 प्रतिशत
मऊ 58.75 प्रतिशत
पूर्वांचल में मुख्य निर्वाचन अधिकारी टी वेंकटेश ने बताया कि छुटपुट घटनाओं को छोड़ दिया जाय तो पूरा चुनाव शांतिपूर्वक संपन्न हो गया। वहीं एडीजी कानून व्यवस्था दलजीत सिंह चौधरी ने बताया कि गोरखपुर की सहजनवा सीट पर बसपा प्रत्याशी देत नारायण सिंह पर यह आरोप लगा कि उन्होंने भाजपा व सपा के दो-दो एजेंटों को बंधक बना लिया।
और जब मामले की सूचना पुलिस को मिली तो मौके पर जाकर बंधक एजेंटों को छुड़ाया। इस मामले में तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है। पूर्वांचल में महाराजगंज की नौतनवां सीट पर वोट डालने पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी की बेटियों ने भी वोट डाले। इस सीट से अमरमणि का बेटा अमनमणि हत्या के केस में अमरमणि पत्नी के साथ जेल में हैं तो पत्नी सारा की हत्या का आरोपी अमनमणि भी जेल से ही निर्दलीय चुनाव लड़ रहा है।
पूर्वांचल की कम वोटिंग में कुछ हद तक मतदान का बहिस्कार भी शामिल है। बलिया और बैरिया विधानसभा के बूथ संख्या 152 पर एक भी वोट नहीं पड़ा, क्योंकि यहां कि जनता विकास कार्य से स्थानीय नेताओं से नाराज है। यहां तक कि अफसरों ने स्थानीय लोगों को मनाने की भी कोशिश की, लेकिन वह नहीं मानें।
सूबे में जैसे-जैसे चुनाव की गाड़ी बढ़ रही है वैसे ही मतदान का प्रतिशत भी गिरता जा रहा है। अवध से पूर्वांचल तक पहुंचते-पहुंचते मतदान का प्रतिशत और गिर गया। प्रदेश के चुनाव की बात की जाए तो केवल दूसरे चरण का मतदान ही ऐसा था जिसमें मतदान प्रतिशत पहले से बढ़ा था। लेकिन इसके बाद से हर चरण में मतदान प्रतिशत गिरता चला गया। छः चरणों का मतदान प्रतिशत कुछ इस तरह गिरा-
पहले चरण का मतदान प्रतिशत 64.22
दूसरे चरण का मतदान प्रतिशत 65.16
तीसरे चरण का मतदान प्रतिशत 61.16
चौथे चरण का मतदान प्रतिशत 60.37
पांचवे चरण का मतदान प्रतिशत 57.36
छठे चरण का मतदान प्रतिशत 57.03
पिछले कुछ सालों और 2017 में पूर्वांचल के जिलों का मतदान प्रतिशत कुछ इस तरह है-
जिला 2017 2012 2007
आजमगढ़ 56.38 54.10 44.07
बलिया 55.57 52.90 46.72
देवरिया 54.89 51.88 40.53
गोरखपुर 56.89 52.75 48.12
कुशीनगर 58.08 56.74 43.54
महाराजगंज 60.80 60.82 48.86
मऊ 58.75 56.10 48.34
यही नहीं छठे चरण के मतदान के दौरान शनिवार को यूपी 100 पर 105 और ट्विटर पर 29 शिकायतें हुईं। और इन शिकायतों में वोटिंग मशीन खराब होने, लड़ाई झगड़े, वोट डालने का दबाव बनाने और आचार संहिता के उल्लंघन और वोटर लिस्ट में नाम न होने के मामले शामिल हैं।
लेकिन महाराजगंज के लोगों ने भारी वोटिंग करके पूर्वांचल का दम दिखाया। वोटिंग का प्रतिशत बढ़ने या घटने से पार्टी नेताओं पर कुछ खास प्रभाव पड़ता नहीं दिख रहा है और उन्हें तो ये लगता है कि जितने प्रतिशत की वोटिंग हुई है वह उनके पार्टी के ही पक्ष में हुइ्र्र है।