*इटावा-* वैसे तो इटावा चम्बल के डाकुओ के नाम से जाना जाता है लेकिन डाकुओ के खत्म होने के बाद अभी भी लोगों के मन मे डर बना हुआ है,डर डाकुओ का नही, डर है डाकुओ वाली मानसिकता से ग्रस्त इटावा पुलिस का।
इटावा पुलिस छापे के नाम पर जमकर लूट मचाती है।
इटावा पुलिस दबिश में घर का सारा सामान भर लाती है जबकि उसका कुछ हिस्सा ही पुलिस बरामदगी में दर्शाती है।
ताजा मामला इटावा के थाना सैफई के अंतर्गत हैवरा चौकी का है जहां पुलिस चौकी से चंद कदमों की दूरी पर एक अवैध शराब फैक्टरी संचालित थी।
इटावा पुलिस ने शराब की अवैध फैक्ट्री पर छापा मार अवैध धंधे से संबंधित सारा सामान जब्त कर दोषियों को जेल भेज दिया।
दबिश के दौरान इटावा पुलिस ने वहां जमकर लूट मचाई,ऐसी लूट जिसे देखकर लगता ही नही कि यह योगी आदित्यनाथ की पुलिस है।
लूट का अंदाज बिल्कुल पेशेवर लुटेरो जैसा ही था बस अंतर सिर्फ इतना था कि यह लुटेरे इटावा पुलिस की वर्दी में थे।
पुलिस ने दबिश के दौरान अवैध शराब फैक्टरी का सामान तो जब्त किया ही साथ ही साथ इटावा पुलिस घर का बहुत सा कीमती सामान भी भर ले गयी।
पुलिस ने युवक के घर से 8 कुर्सी,1 तखत,2 भगोने,2 टोर्च,1 कूलर,2 मोबाइल तथा नाबालिग बच्चे के बक्शे का ताला तोड़कर 5000 रुपये भी ले गयी।
नाबालिग बच्चे की बहन ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा है कि पुलिस ने उनके छोटे भाई को बेकसूर मामले में फसाकर दोषी बना दिया।
पुलिस ने उसके छोटे भाई को सिर्फ 1 मोटी रकम बसूलने के एवज में मुजरिम बनाकर उसका भविष्य चोपट कर दिया।
एक निर्दोष नाबालिग जिसका कसूर सिर्फ इतना था कि वह अपनी दीदी के यहाँ पढ़ाई करने आया था,जिस वक्त पुलिस ने छापा मारा उस वक़्त वह कमरे में सो रहा था,इसके बावजूद भी पुलिस नाबालिग को उठा ले गयी।
इतना सामान वहां से गया है लेकिन पुलिस द्वारा दी गयी बरामद समान की सूची मे इतना सामान का कोई नामोनिशान नही है।पुलिस यही नही रुकी,बिल्कुल पेशेवर डाकुओ के अंदाज मे वह नाबिलग और निर्दोष बच्चे को छोड़ने के ऐवज मे उसकी बहन से 2 लाख 55 हज़ार रुपये भी ले आती है लेकिन उसके बाद भी बच्चे को नही छोड़ती है।
नाबालिग बच्चे के परिवारीजनों ने उक्त मामले की मजिस्ट्रेट जाँच की मांग की है।
बच्चे की बहन ने कहा है कि दोषी एसओ की सीडीआर कॉल डिटेल निकाली जानी चाहिए ,उसके साथ ही साथ एसओ की उस वक़्त की मोबाइल लोकेशन निकाली जाए जिस वक्त पैसो का लेन देन हुआ।
चौपला पर पूरा लेंन देंन हुआ,मोबाइल लोकेशन आने के बाद पूरा मामला साफ हो जाएगा कि एसओ जसवंतनगर उक्त मामले में दोषी है या नही ,परिवारीजनों ने ये भी मांग की है कि थाना जसवंतनगर की सीसीटीवी फुटेज निकाली जाए,
फुटेज निकलने के बाद दूध का दूध व पानी का पानी हो जाएगा।
परिवारजनों ने कहा कि एसओ का सिर्फ तबादला करने से सजा पूरी नही होती,मामले की बारीकी से जांच हो तथा दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही होनी चाहिये।
नाबालिग बच्चे के घर वालों ने एकजुट होकर अपनी आवाज उठाई तथा डीएम महोदया को ज्ञापन सौंपने की बात कही तथा उक्त मामले की एसआइटी जांच के लिए अड़े।
इस मामले पर जब वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक इटावा से बात करनी चाही ,तो वो कुछ भी कहने से बचते नजर आये।
इतने गंभीर मामले पर एसएसपी महोदय इटावा का कुछ ना कहना इटावा पुलिस पर सवालिया निशान उठाता है।