नई दिल्ली, एजेंसी । क्या आपने कभी सोचा है कि छींकते समय हमारी आंखें क्यों बंद हो जाती हैं? दरअसल, सांस लेने पर अगर कोई धूल का कण नाक में फंस जाए तो उसे बाहर निकालने के लिए छींक आती है। अगर कोई बड़ा धूल का कण फंस जाता तो मस्तिष्क फेफड़ों में ज्यादा हवा भरने का संदेश भेजता है और इस दौरान पलके झपकती हैं।
पलके झपकने के लिए ट्राईजेमिनल नस जिम्मेदार होती है। ये नस चेहरे, आंख, मुंह, नाक तथा जबड़े को नियंत्रित करती है। छींक आने पर मस्तिष्क हर तरह का अवरोध हटाने का निर्देश देता है जो इस नर्व को भी मिलता है और इसी वजह से आंखे बंद हो जाती हैं।
इस पर शोध भी किया गया है जिसके अनुसार, आंखें और नाक क्रेनियल नर्व्स से जुड़े होते हैं। छींक आते ही फेफड़े तेजी से हवा बाहर निकालते हैं। इस समय में मस्तिष्क पलकों की नर्व्स को खींचने का सिग्नल देता है और आंखे बंद हो जाती है।