चार साल- तकरीबन 32 कर¨ड़ का र्खच। उद्देश्य- गांव-गांव में मिनी विकास भवन का सपना। परिणाम -बांधे जा रहे मवेशी। पाथे जा रहे कंडे। जनता के पैस¨ं की र्बबादी का ग्राम सचिवालय अपने आप में नायाब उदाहरण है।र्पूवर्वती बसपा सरकार ने गांव-गांव में ग्राम सचिवालय र्निमाण का खाका खींचा। इन सचिवालय में एक ही छत के नीचे ग्रामीण को सभी सुविद्याएं उपलब्द्य कराने की रूपरेखा बनाई गई। इन्हें मिनी विकास भवन के रूप में विकसित करने की तैयारी थी। इसे परवान चढ़ाने के लिए तत्कालीन सरकार ने शासनादेश भी जारी कर दिया था। यहां ग्राम विकास अद्यिकारी से लेकर सफाई र्कमी की तैनाती तक के प्रबंध किए गए थे जिससे दूरदराज के ग्रामीणो के ब्लाक और तहसील की दूरियां न तय करना पड़े। लेकिन अब इन ग्राम सचिवालय का कोई पुरसाहाल नहीं है। बनकर तैयार ग्राम सचिवालय के भवन दरक रहे हैं। र्वतमान में यह भवन निष्प्रय¨ज्य खडे हैं स¨ गांव वाले अब यहां मवेशी बांध रहे हैं। मांगलिक र्कायक्रम में आने-जाने वाले लोग मौका निकाल अपने र्कायक्रम निबटा लेते हैं। कम¨वेश पूरे सूबे में बनें ग्राम सचिवालय¨ं की स्थिति यही है।इनसेट: जिले में र्खच हुए 32 करोड़ बहराइच: ग्राम सचिवालय र्निमाण के लिए वित्तीय र्वष 2008-09 में 83 ग्राम सचिवालय शासन ने स्वीकृत किए। इन पर 1281.760 लाख रुपये मंजूर किए गए। 1204.328 लाख रुपये र्खच किए गए। 2010-11 में 94 ग्राम सचिवालय¨ं क¨ मंजूरी दी गई। 1316 लाख रुपये स्वीकृत हुए और 1253.290 लाख रुपये र्खच किए गए। इसी र्वष बाद में 11 और ग्राम सचिवालय¨ं क¨ मंजूरी दी गई। इन पर 102.800 लाख रुपये र्खच किया गया। 2011-12 में 65 ग्राम सचिवालय मंजूर किए गए। इन पर 636.633 लाख रुपये र्खच हुए। 253 ग्राम सचिवालय¨ं पर शासन ने 3664.28 लाख रुपये स्वीकृत किए और 3197.051 लाख रुपये इनके र्निमाण पर र्खच किया गया। 253 स्वीकृत ग्राम सचिवालय¨ं में 186 तैयार किए गए। 59 का र्काय जारी रहा। आठ सचिवालय बन नहीं सके।इनसेट: शासन ने मांगी है सूचना बहराइच: जिला पंचायत राज अद्यिकारी अश¨क कुमार सिंह ने बताया कि शासन ने ग्राम सचिवालय से संबंधित सूचना मांगी है। पांच हजार से अधिक की आबादी का ब्य©रा तलब किया गया है। विभाग में र्कमचारिय की संख्या कम है।