दीपक ठाकुर:NOI।
कोरोना से लड़ी जा रही जंग में जहां देश की जनता सरकारी आदेश पर आश्रित हो कर निश्चिंत बैठ गई है वही व्यापार से जुड़े लोग इस माहौल का भी खूब फायदा बटोरने में व्यस्त दिखाई दे रहे हैं। सरकार कहती है पैनिक होने की ज़रूरत नही घर पे रहिये और जब ज़रूरत हो तभी बाहर निकल कर अपनी रोजमर्रा की सामग्री ले आइए क्योंकि आपको हर सामान आसानी से उपलब्ध होगा हम भी सरकार की बात मान कर बैठ गए
के चलो जान बचानी है तो घर पे ही रहा जाए किसी चीज़ की दिक्कत होनी नही है ये हमारी सरकार दावा कर रही है लेकिन जब हम ज़रूरत का सामान लेने घरों से बाहर निकलते हैं तब समझ मे आता है जमाखोरों और मौके का फायदा उठाने वाले व्यापारियों का इरादा।
आप अगर सब्ज़ी लेने गए तो वो आपको 10 रुपये प्रति किलो बढ़ी हुई देगा लेना आपकी मजबूरी है तो आप लोगे ही और तो और रातो रात तम्बाकू उत्पादों में भी ये लोग भारी बढ़ोतरी कर के बेचने लगते हैं लेना छोटे दुकानदारों की मजबूरी खामियाजा उपयोग करने वालों को उठाना पड़ता है तीसरा सरकार ने कहा कि कोरोना से बचने के लिए मास्क और सेनेटाइजर निर्धारित मूल्य पे ही मिलेंगे मगर साहब इसकी भी ऐसी कालाबाजारी है कि पूछिये मत मास्क की कीमत 15 की जगह 50 में है
और सेनेटाइजर तो स्टॉक में ही नही है अब ऐसे में समझ ये नही आता कि इन व्यापारियों को कोरोना का खौफ नही है या ये आदत से मजबूर हैं अब सवाल यही है कि क्या सरकार तक इनकी तानाशाही नही पहुंचती या सरकार भी इनके आगे बेबस है ।