28 C
Lucknow
Tuesday, December 3, 2024

…जब पत्नी अंजलि को लेटर लिखा करते थे सचिन तेंदुलकर

sachin_s_at_325_022714090638दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने मोबाइल से पहले के उन दिनों को याद किया जब वह अंजलि को लेटर लिखते थे और जब उन्हें खत का जवाब मिलता था तो वह अपनी पत्नी की ‘खूबसूरत’ हैंडराइटिंग में खो जाया करते थे.

तेंदुलकर को हालांकि अपनी पत्नी के लिये लेटर लिखने से पहले भी मेहनत करनी पड़ती थी. उन्होंने मुस्कराते हुए कहा, ‘क्रिकेट गेंद को हिट करना मेरे लिए नेचुरल था लेकिन अंजलि को लेटर लिखते समय मैं यह जांच करता रहता था कि मैं क्या लिख रहा हूं.’

 

तेंदुलकर ने यहां हैंडराइटिंग को बढ़ावा देने के एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘उन दिनों मोबाइल नहीं हुआ करते थे और संचार के एकमात्र साधन लैंडलाइन फोन या पत्र हुआ करते थे. मैंने पत्र लिखने शुरू किए. मैंने अपने माता-पिता को पत्र लिखने से शुरुआत की और बाद में कुछ पत्र पत्नी (अंजलि) के लिए भी लिखे.’ तेंदुलकर कहते हैं कि अंजलि के लिए खत लिखना बैटिंग करने से कठिन काम था. उन्होंने याद किया कि किस तरह से उनके माता पिता ने उन्हें पेन थामना और लिखना सिखाया था.

 

तेंदुलकर ने कहा, ‘इसके बाद जब मैं परिवार से दूर रहता था तो मैंने अपने माता-पिता और बाद में पत्नी के लिए पत्र लिखने शुरू किए थे.’ तेंदुलकर ने कहा कि अमूमन डॉक्टरों की लिखावट साफ सुथरी नहीं होती लेकिन पेशे से डॉक्टर अंजलि इस मामले में अपवाद थीं. उन्होंने कहा, ‘उनकी लिखावट बहुत सुंदर है. उसे देखकर कोई भी प्रेरित हो सकता है.’ और सबसे खराब लिखावट किसकी थी, इस पर तेंदुलकर ने कहा, ‘आप अमूमन सबसे अच्छी चीजों पर ध्यान देते हैं’.

 

संन्यास के बाद की जिंदगी के बारे में तेंदुलकर ने कहा, ‘जिंदगी खूबसूरत है. मुझे अपने बच्चों के साथ समय बिताने का पर्याप्त समय मिल रहा है. मैं अब अधिक नहीं खेलता. कभी कभार अपने बेटे के साथ खेल लेता हूं.’

 

सचिन ने यह भी कहा कि वो अब आत्मकथा लिख रहे हैं. सचिन से जब इसके बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, ‘हां, मैं लिख रहा हूं, लेकिन इस बारे में उचित समय आने पर जानकारी दूंगा.’ पत्रकारों ने जब सचिन को इस बारे में ज्यादा कुरेदा तो उन्होंने कहा कि अगर मैं सब कुछ यहीं बता दूंगा, तो फिर मेरी किताब कोई नहीं पढ़ेगा’

 

एक निजी कंपनी के प्रयास से हैंडराइटिंग को बढ़ावा देने के लिए यहां पहुंचे तेंदुलकर ने हैंडराइटिंग और बैटिंग के कौशल में तुलना करते हुए कहा, ‘एक बार आप जब इन्हें सीख लेते हो तो ये हमेशा आपके साथ रहते हैं. जिंदगी में कुछ भी शुरुआत करो, बेसिक्स हमेशा महत्वपूर्ण होते हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं दायें हाथ से नहीं लिख सकता. मुझे उम्मीद है कि कोई ऐसी तकनीक होगी जो हमें दायें हाथ से लिखना भी सिखाएगी लेकिन मैं दोनों हाथों से भोजन कर सकता हूं. तेंदुलकर दायें हाथ के बल्लेबाज हैं लेकिन लिखने के लिए अपने बायें हाथ का उपयोग करते हैं.

 

 

 

Latest news
- Advertisement -spot_img
Related news
- Advertisement -spot_img

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें