नई दिल्ली। मुलायम सिंह यादव ने यूपी में हुई पार्टी की करारी हार के बाद इसके लिए सीधेतौर पर अखिलेश यादव को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने इस हार के लिए सपा का कांग्रेस से हुए गठबंधन को भी बराबर का जिम्मेदार ठहराया है। करारी हार के बाद मीडिया से रूबरू हुए मुलायम सिंह ने कहा कि कांग्रेस से यदि सपा का गठबंधन नहीं होता तो प्रदेश में हमारी सरकार होती।
अपने निवास 5 विक्रमादित्य पर इस करारी हार से खामोश हुए मुलायम का कहना था कि जो कोई भी इस गठबंधन को सही कह रहा था वह हकीकत में झूठ बाल रहा था। कांग्रेस को यूपी में कोई पसंद नहीं करता है, न ही इस गठबंधन की कोई जरूरत थी। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा अपने दम पर पूर्ण बहुमत से आई थी।
पिछले दिनों समाजवादी पार्टी में छिड़े घमासान के लिए भी उन्होंने अखिलेश यादव को ही जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि इस हार की सबसे बड़ी वजह वही घमासान रहा है। इस घमासान के बाद लोगों ने सपा को वोट इसलिए नहीं किया क्योंकि इस दौरान उनका अपमान किया गया था। पार्टी में मचे घमासान के बाद यही संदेश सपा कार्याकर्ताओं और जनता के बीच पहुंचा था। इस दौरान उन्होंने माना कि यह भाजपा के लिए बहुत बड़ी जीत है, लिहाजा अाज उनका दिन है। उन्होंने भाजपा की जीत और सपा की हार को विचित्र बताया है।
यूपी के अंतिम चरण के मतदान से पहले मीडिया के सामने आई उनकी पत्नी पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि साधना ने मीडिया के सामने आ कर कुछ भी गलत नहीं कहा। उनका कहना था कि साधना ने बेहद सादगी से यही कहा था कि इस दौरान उनका अपमान किया गया। साधन के बयान पर दी गई सफाई पर उन्होंने कहा कि साधना ने किसी के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया था। उनका कहना सिर्फ इतना ही था कि उनका अपमान नहीं किया जाना चाहिए था।
यूपी के चुनाव प्रचार में न उतरने के बाबत मुलायम का कहना था कि वर्ष 2012 में उन्होनें करीब 300 रैलियां की थीं लेकिन इस बार उन्होंने केवल चार ही रैलियां की वह भी बेमन के साथ। हार के बाद मुलायम की अखिलेश्ा से बातचीत पर वह बोले की अब वह क्या बोलेगा। उन्होंने अखिलेश को सलाह दी कि हार के बाद भी उन्हें जनता के बीच जाकर जनता को बधाई और धन्यवाद देना चाहिए।
मुलायम ने यह भी कहा कि अब यदि पार्टी को जीत चाहिए तो पार्टी को काम करना होगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर दिनरात एक कर पार्टी बनाई और खड़ा किया था । लेकिन अब हार का दुख छोड़कर इस हार पर चिंतन किए जाने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि देश में किसी भी राज नेता ने अपने जीते जी सत्ता की कमान अपने बेटे को नहीं सौंपी थी लेकिन उन्होंने इसके उलट ऐसा किया अौर सत्ता का वारिस अखिलेश को बनाया था।