नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में आज तीन तलाक मामले के पांचवे दिन की सुनवाई के दौरान एक वक्त ऐसा आया, जब सुनवाई कर रही पीठ के पांचों न्यायाधीश कुरान खोलकर उसकी आयतें पढ़ने लगे। मसला था तलाक से जुड़ी कुरान की “सूरे-अल-बकरा” चैप्टर-2, आयात संख्या-230 से, जो तलाक से संबंधित है।
बात यह थी कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद के वकील वी. गिरी ने कोर्ट को बताया कि कुरान के चैप्टर-2 की आयात संख्या-230 में तत्काल तीन तलाक यानि तलाक उल बिद्दत की बात कही गयी है। उन्होंने कोर्ट को कुरान के इस पैराग्राफ का हवाला दिया, तो मुख्य न्यायाधीश समेत मामले की सुनवाई कर रही पीठ के सभी न्यायाधीशों ने सामने रखी कुरान उठायी। संबंधित चैप्टर खोला और आयात पढ़ना शुरु किया।
कोर्ट ने आयत पढ़ने के बाद वकील साहब से कहा कि आप जो बात कह रहे है। उसमें वो मतलब नहीं है। आप पूरे प्रकरण को संपूर्णता से देखे। जस्टिस आरएफ नरीमन ने कहा कि यह संदर्भ पहले दो बार सुनन्त तलाक हो चुकने के बाद, तीसरे तलाक की बात करता है। यह एक साथ तीन तलाक की बात नहीं करता है।