जुनैद, फाइल फोटो
आरोपी पक्ष की ओर से गठित पालों के प्रतिनिधि जुनैद के घर पहुंच गए. समझौता कराने नहीं, बल्कि भाईचारा जिंदा रखने की कोशिश करने.
इसमें मुख्य आरोपी नरेश के गांव भामरौला के लोग भी शामिल रहे. ये लोग जुनैद के गांव में आधे घंटे तक रहे. पालों की पंचायत के प्रमुख धर्मवीर डागर और सहरावत पाल के प्रमुख नरेंद्र सरपंच सहित पहुंचे सभी लोगों का जुनैद के पिता जलालुद्दीन ने स्वागत किया.
डागर ने कहा कि खंदावली के आसपास के गांव भले ही अलग-अलग समुदाय के हैं लेकिन उनमें गहरा भाईचारा है. नरेंद्र सरपंच ने कहा कि जुनैद की हत्या बहुत ही दुखद है.
हम सभी इस करते हैं. ऐसी घटनाएं न हों इसके लिए युवाओं को संस्कार देने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि दोनों समुदायों की यह जिम्मेदारी बनती है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों. जुनैद के पिता जलालुद्दीन ने कहा कि उनकी भी यही इच्छा है कि दोनों समुदायों में पहले जैसी शांति, सद्भाव और भाईचारा बना रहे.
गम में बैठे जुनैद के पिता जलालुद्दीन
13 जुलाई को मुख्य आरोपी के गांव भामरौला में 52 पालों की पंचायत हुई थी. इसमें तय हुआ था कि पीड़ित के घर जाकर उन्हें सांत्वना दी जाएगी, ताकि भाईचारा बना रहे. कोई किसी को भड़काए नहीं.
मालूम हो कि इससे पहले घटना के एक सप्ताह बाद ही हिंदू बहुल गांव बघौला के लोगों ने भी जुनैद के घर जाकर घटना पर दुख प्रकट किया था.