जम्मू – निर्दयता की सारी हदें पार कर कुछ संदिग्ध लोगों ने होली मनाकर ड्यूटी पर लौट रहे 11 राष्ट्रीय राइफल के एक जवान की दोनों आंखें चाकू से निकाल लीं।
दिल दहला देने वाली यह घटना बुधवार को जम्मू की अखनूर तहसील के चौकी चोरा क्षेत्र में हुई। यहां जवान राकेश कुमार दत्ता (35) बेसुध हालत में तालाब किनारे मिला। पिता कुलदीप कुमार दत्ता का कहना है कि राकेश एक माह की छुट्टी लेकर घर आया हुआ था। वह पहली अप्रैल को किश्तवाड़ में ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए निकला। उन्होंने समझा कि राकेश ड्यूटी पर पहुंच चुका होगा, लेकिन उन्हें बुधवार को पता चला कि उनके बेटे की दोनों आंखें निकाल ली गई हैं और वह जीएमसी जम्मू में उपचाराधीन है। इसके बाद वह नौशहरा से परिवार सहित जम्मू पहुंचे। राकेश को अब सतवारी के सैन्य अस्पताल में भर्ती किया है।
उधर, नौशहरा के असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट पुलिस पुरुषोत्तम का कहना है कि राकेश के बयान पर उसके पड़ोसी मकबूल हुसैन, सरपंच परवेज अहमद, नजीर हुसैन को पूछताछ के लिए गिरफ्तार किया है, जबकि वली मुहम्मद की तलाश जारी है। एसएसपी जम्मू राजेश्वर सिंह का कहना है कि पुलिस फिलहाल दो पहलुओं राकेश की दुश्मनी व दूसरी औरत के साथ कोई संबंध को लेकर जांच कर रही है।
चौकी चोरा के सरपंच खजूर सिंह का कहना है कि उन्हें बुधवार सुबह गांववासी लक्ष्मण सिंह का फोन आया कि टिल्लू मोडा गांव में तालाब के किनारे एक व्यक्ति खून से लथपथ हालत में पड़ा हुआ है। उन्होंने पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने राकेश को अखनूर अस्पताल में पहुंचाया तो डॉक्टरों ने पाया कि उसकी दोनों आंखें निकाल ली गई हैं। जवान बेसुध हालत में कराह रहा था और उसकी पहचान भी संभव नहीं हो रही थी, क्योंकि उसके पास न तो कोई मोबाइल फोन था और न ही कोई अन्य दस्तावेज। पुलिस ने जब उससे पूछताछ की तो उसने बड़ी मुश्किल से अपने बड़े भाई का मोबाइल नंबर लिखवाया। उसका भाई कश्मीर में सेना में तैनात है। पुलिस ने जब फोन मिलाया तो राकेश की पहचान संभव हो सकी और उसके परिवार को सूचित किया गया। उसकी नाजुक हालत को देखते हुए उसे जीएमसी रेफर कर दिया गया। राकेश जब घर से निकला था तो उसके पास मोबाइल फोन, नकदी और बैग था, जो गायब है। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
डॉक्टरों का कहना है कि राकेश की दोनों आंखें चाकू से निकाली गई हैं, जिसे मेडिकल टर्म में इन्यूकिलेशन कहा जाता है। इन्यूकिलेशन में दोबारा रोशनी की संभावना नहीं होती, क्योंकि आंख पूरी बॉल सहित निकाल ली गई होती है। डॉक्टरों ने राकेश के पेट व शरीर के अन्य हिस्सों का एक्स-रे भी करवाया है, लेकिन उसमें मारपीट का कोई निशान नहीं मिला। डॉक्टरों का कहना है कि इस तरह की घटना को पांच-छह लोग ही अंजाम दे सकते हैं।