नई दिल्ली, एजेंसी । टाटा मोटर्स अपने यात्री वाहन उत्पाद पोर्टफोलियो को दुरुस्त करने की एक योजना पर काम कर रही है, जिसके तहत बहुचर्चित नैनो कार का उत्पादन बंद किया जा सकता है। कंपनी ने आने वाले समय में लागू होने वाले नए नियमों पर खरा उतरने और लाभकारी विकास हासिल करने के लिए यह योजना बनाई है।
कारोबारी बदलाव की इस अवधि में जब तक 2018 तक नए प्लेटफार्म के तहत नए उत्पाद लांच नहीं हो जाते कंपनी अपनी यात्री वाहन इकाई की बिक्री बढ़ाने और लाभ अर्जित करने के लिए हैचबैक टियागो और आगामी कंपैक्ट सिडॉन टिगोर पर फोकस कर रही है।
टाटा मोटर्स के प्रबंध निदेशक और सीईओ गुएंटर बशेक ने यहां जेनेवा मोटर शो में एक साक्षात्कार में कहा कि पुरानी दुनिया को आखिरकार बदलना ही होगा। यह बदलाव टाटा मोटर्स के कारण नहीं, बल्कि नियामकीय माहौल में बदलाव की वजह से होगा। यह बदलाव 2020 में उत्सर्जन मानक में हो सकता है या उससे भी पहले 2017 में सुरक्षा मानकों में हो सकता है। उनसे पूछा गया था कि टाटा मोटर्स अपनी एंट्री लेवल कार नैनो के भविष्य के बारे में क्या सोचती है। नैनो टाटा समूह के मानद चेयरमैन रतन टाटा की ड्रीम परियोजना है।
इस साल अक्तूबर से भारत में फ्रंटल और साइड क्रैश परीक्षण मानक लागू हो जाएगा, जिसके तहत वाहनों में सेफ्टी एयरबैग्स लगाना जरूरी होगा। 2020 में देश में बीएस-6 उत्सर्जन नियम लागू हो जाएगा।
बशेक ने कहा कि कुछ उत्पाद वाकई स्वाभाविक रूप से अपने लाइफसाइकिल के अंत तक पहुंच जाएंगे। इसलिए पहले से ही इस दिशा में स्थिति ठीक करने का काम चल रहा है। हमने ऐसे सभी उत्पादों की लागत घटाने के लिए भीषण कार्य शुरू किए हैं, जो अभी संचालन में हैं।
अभी टियागो व टिगोर पर टिका है कंपनी का ध्यान
यह पूछने पर कि कंपनी नैनो पर आखिरी फैसला कब करेगी, उन्होंने बिना कोई स्पष्ट उत्तर देते हुए कहा कि एक समय आता है, जब हर कार अपने जीवनचक्र के आखिरी पड़ाव पर पहुंच जाती है। हमने यात्री वाहन की रणनीति तैयार कर ली है। हम रणनीति की हर चीज को लागू करने के लिए सही समय आने पर फैसला लेंगे। हर सही फैसले का अपना समय होता है।
उन्होंने कहा कि कंपनी का ध्यान अभी टियागो टिगोर पर टिका है। क्योंकि ये सर्वाधिक बिकने वाली कारें हैं। इन मॉडलों में लागत घटाने, इंजीनियरिंग बदलाव करने और उत्पादकता में सुधार करने से बदलाव की इस अवधि में बेहतर लाभ हासिल किया जा सकता है।