आजमगढ़. आठ सितंबर 2007 की शाम जब सीएम योगी और उनके काफिले पर जानलेवा हमला हुआ था और मुन्नर यादव परथाव में घायल हो गये थे। उस घटना को बीते एक दशक हो चुका है लेकिन न तो यहां के लोग उस हमले को भूले हैं और ना ही सीएम योगी मुन्नर यादव को भूल पाए है।
गुरूवार को डीएवी मैदान में जब सीएम ने गोरक्षा और मुबारकपुर की चर्चा शुरू की तो मुन्नर और सुन्नर यादव का नाम लेना नहीं भूले। उन्होंने कहा कि मुबारकपुर की जब भी बात होती है मुन्नर और सुन्नर यादव याद आ जाते है।
बता दें कि मुन्नर यादव और सुन्नर यादव आजमगढ़ ही नहीं बल्कि प्रदेश के जाने मानें गोरक्षकों में एक थे। उनकी पहचान शालीन नेताओं में होती थी। दोनों लोगों को ही सीएम योगी आदित्यनाथ का करीबी माना जाता था। वर्ष 2007 में जब तकिया पर सीएम योगी आदित्यनाथ पर जानलेवा हमला हुआ था उस समय भी मुन्नर यादव उनके साथ थे और उपद्रवियों द्वारा किये गये पथराव से घायल हो गये थे।
2007 में सीएम योगी पर हुआ था जानलेवा हमला
बीजेपी के फायर ब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ पर आजमगढ़ में ही जानलेवा हमला हुआ थ। 8 सितम्बर वर्ष 2007 को शहर कोतवाली के तकिया मोहल्ले में ही योगी आदित्यनाथ पर जानलेवा हमला बोला गया था। हालांकि योगी की सुरक्षा में तैनात समर्थकों ने पलटवार करते हुए हमलावर को मार गिराया था, जिसकी पहचान मनीउल्लाह (18) वर्ष के रूप में हुई थी। इसे मामले में योगी के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करायी गयी थी। इस घटना के बाद जिले में दंगा भड़क गया था और जीयनपुर मठाधीश सहित कई लोगों पर हमला हुआ था। शासन ने लापरवाही बरतने के आरोप में तत्कालीन एसपी विजय गर्ग को निलंबित कर दिया था।
पहले से था आजमगढ़ से सीएम योगी का जुड़ाव
आजमगढ़ से सीएम योगी का जुड़ाव पहले से था। पहली बार सीएम योगी ने 1989-90 में आजगढ़ के चितारा महमूदपुर में गये थे। यहां पर एक पुजारी की हत्या कर दी गयी थी और जब सीएम योगी को इसकी जानकारी मिली तो वह न्याय दिलाने के लिए खुद वहां गये थे और जिला प्रशासन से लोहा भी लिया था। सीएम योगी आदित्यनाथ दूसरी बार वर्ष 2003 में शिब्ली कालेज के छात्रसंघ चुनाव के दौरान छात्रनेता अजीत की हत्या के बाद परिजनों को न्याय दिलाने जाने वाले थे। हालांकि उस समय के डीएम व एसएसपी ने सुरक्षा कारणों से योगी आदित्यनाथ को शहर में नहीं आने दिया था।