उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गांव यमकेश्वर ब्लाक में उनके माता और पिता की सुरक्षा में लगे दो गार्ड अब ऐसा काम कर रहे हैं कि आपको सुनकर यकीन नहीं होगा।
दरअसल ये सुरक्षा कर्मी पेयजल किल्लत से जूझ रहे हैं। उन्हें भी अपने लिए दो किमी दूर से पानी ढोना पड़ रहा है। जिससे अधिकतर समय उनका पानी ढोने में लग रहा है, ऐसे में परिवार की सुरक्षा करना उनके लिए चुनौती बना हुआ है।
उनका कहना है कि वे सीएम के परिवार की सुरक्षा करें या पानी ढोएं। उन्होंने भी जलसंस्थान से पानी की व्यवस्था कराने की मांग की। वहीं पंचूर में पेयजल संकट गहरा गया है। पिछले पांच दिनों से नलों पर पानी नहीं टपकने से सीएम योगी का परिवार, उनकी सुरक्षा में लगे सुरक्षा कर्मियों सहित गांव के 40 परिवारों को पयेजल किल्लत से जूझना पड़ रहा है।
वर्ष 1992 में गांव की पेयजल किल्लत को देखते हुए ढुंगां के गधेरे से ग्राम पंचूर और बोरगांव के ग्रामीणों लिए पेयजल योजना बनी थी। लेकिन, समय के साथ रख रखाव की कमी के कारण पेयजल स्रोत बदहाल हो गया।
पेयजल किल्लत से जूझ रहे 40 परिवार
वर्तमान में पिछले पांच दिनों से गांव में पानी की सप्लाई ठप है। जिसके कारण ग्राम पंचूर के 21 परिवारों और बोरगांव के 19 परिवारों को दो किमी. दूर बिथ्याणी में स्थापित हैंडपंप और ठांगर के प्राकृतिक स्रोत से पानी ढोना पड़ रहा है।
योगी अदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट, ग्रामीण हेमंत सिंह, दिनेश बडोला, खुशीराम, कलम सिंह, शकुंतला देवी ने जलसंस्थान पर पेयजल मुहैया कराने में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। कहा कि प्रति वर्ष गर्मियो में गांव में पानी की परेशानी होती है।
बार बार विभाग को पेयजल की व्यवस्था के लिए कहा जाता है, लेकिन विभाग आश्वासन देकर पल्ला झाड़ देता है। लोग तो जैसे तैसे कर के अपने लिए पानी की व्यवस्था कर रहे हैं, लेकिन पालतू जानवरों के लिए पानी की व्यवस्था करने में अनेक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने जलसंस्थान से गांव में शीघ्र पानी की व्यवस्था करने की मांग की।
उधर, जलसंस्थान के सहायक अभियंता आरके वर्मा ने बताया कि गांव में सप्लाई होने वाले पानी के स्रोत के सूख जाने से गांव में पानी नहीं आ रहा है। शीघ्र ही गांव में टैंकरों द्वारा पेयजल आपूर्ति की जाएगी।