कानपुर। अश्वत्थामा की वजह से वर्ल्ड फेमस हुए कानपुर शिवराजपुर के खेरेश्वर महादेव मंदिर के अंदर और बाहर भारी फोर्स तैनात कर दी गई है। इसकी वजह बड़ी चौकाने वाली है। आठ अप्रैल की रात आदिकालीन शिवलिंग के अरघा पर चढ़ी चांदी की 11 किलो परत काटने का मामले में स्थानीय लोगों ने मंदिर से जुड़े कई लोगों पर ही सवाल उठाए हैं। वहीं पुलिस के ढीले रवैए से भक्तों में रोष है। मंदिर की सुरक्षा में चप्पे-चप्पे पर गार्ड तैनात हैं। प्राचीन मंदिर के पास ही रहने वाले काकूपुर रब्बन निवासी शिवगोविंद तिवारी गुल्ले, बिलहन गांव के सोनी अवस्थी ने बताया कि करीब चार हजार वर्ष पुराने इस मंदिर में शनिवार रात हुई चोरी की घटना कोई नई बात नहीं हैं, यहां अकसर चोरियों की घटनाएं होती रहती हैं।
मंदिर परिसर में बड़ी तादाद में चांदी के सिक्के जड़वाए थे, लेकिन कुछ ही वर्षों सभी सिक्के गायब हो गए हैं। खेरेश्वर महादेव की वर्षों से नियमित पूजा-अर्चना करने वालीं गीता गुप्ता ने बताया कि मंदिर में साजिश हो रही है, पुलिस को सख्ती बरतते हुए पूरे मामले की गहनता से जांचकर कार्रवाई करनी चाहिए।
कहां गया 11 किलो का चांदी का अरघा शनिवार रात छेन-हथौड़ी और आरी से काटा गया करीब 11 किलो का चांदी अरघा कहा चला गया इसकी भनक किसी को नहीं है। सोमवार को भक्त आदिकालीन शिवलिंग पर चांदी की बजाय तांबे का अरघा देख सन्न रह गए।
ये है मंदिर का इतिहास
खेरेश्वर धाम मंदिर के आसपास रहने वाले कुछ लोगों का यह भी दावा है कि वे 36 पीढ़ियों से एक ऐसे इंसान को देख रहे हैं जो आठ फुट लंबा है। नजदीक जाने पर ये इंसान तेज रौशनी के साथ कहीं ओझल हो जाता है। मान्यता है कि यह महामानव और कोई नहीं अश्वत्थामा है। शिवराजपुर गांव जहां गुरु द्रोणाचार्य और उनके पुत्र अश्वत्थामा का अस्तित्व आज भी कायम है। मंदिर के महंत, पुजारी और गांव वालों का ऐसा दावा है कि मंदिर में सबसे पहले हर रोज खुद अश्वत्थामा सबसे पहले महादेव को जल चढ़ाने आता है, कई लोगों ने तो उसे अपनी आंखों से देखा है, देर रात अचानक तेज रौशनी प्रकट होना, जोर-जोर से घंटे बजना, खड़ाऊं की आवाजें आना आसपास रहने वाले लोगों के लिए तो आम बात सी है।