सीतापुर -अनूप पाण्डेय,आशुतोष अवस्थी/NOI-उत्तरप्रदेश जनपद सीतापुर सिटी के लाल बाग चौराहा हो या ट्रांसपोर्ट चौराहा गिरी गंज हो या मुंशीगंज चौराहा आजकल सीतापुर जाम के झाम से बेहाल है. नमूने के तौर पर आप कैप्टन पांडे मनोज चौक को देख सकते हैं कि किस तरह जाम के झाम झेल रहा है. यह बात कोई आज का ही नहीं है प्रतिदिन की है ये लगातार का रोना हो चुका है इसमें ट्राफिक पुलिस वहां की स्थाई चौकियां भी जिम्मेदार हैं क्योंकि नो एंट्री का बोर्ड तो लगा होता है परंतु मुट्ठी गर्म होते ही यहां नो एंट्री का बोर्ड पिघल जाता है और बड़ा वाहन पहलवान आबादी क्षेत्र में प्रवेश कर जाता है फिर शुरू होता है।
जाम के झाम का कारनामा हालांकि कैप्टन मनोज पांडे चौराहा के पास खंभे में 4 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं असल बात अगर कहीं जाए तो यह कैमरे केवल मात्र शोपीस के लिए ही हैं क्योंकि इस पर देखने वाला शायद ही कोई हो यदि नियमानुसार इसकी निगरानी की गई होती तो फिर यह जाम की जांच क्यों बनती है सवाल बहुत से हैं पुलिस के पास जवाब एक ही है आखिर कहां तक क्या किया जा सकता है आज तो हद ही हो गई जाम के झाम जब चौकी प्रभारी के सिपाही ना संभाल सके तब आखिरकार शहर कोतवाल हरमीत को कमान संभालनी पड़ी आखिर यह सब कब तक चलता है ।