शरद मिश्रा”शरद”
लखीमपुर खीरी:NOI- सोशल मीडिया पर कांग्रेस जिला अध्यक्ष राघवेंद्र प्रताप सिंह का इस्तीफा वायरल हो जाने के बाद जिलेभर में कांग्रेस संगठन को लेकर सियासत गरमा गई। वही कांग्रेस जिलाध्यक्ष का कहना है। कि पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद और पूर्व सांसद वरिष्ठ नेता जफर अली नकवी कभी एक मंच पर नहीं आते। दोनों में अंदरूनी जंग चल रही है। जिसके कारण जिला संगठन खुलकर काम नहीं कर पा रहा है। प्रदेश संगठन दोनो नेताओ का यह झगड़ा खत्म कराये। अन्यथा वह जिलाअध्यक्ष की कुर्सी नही संभल पाएंगे। वह सिर्फ कार्यकर्ताओं की भांति काम करेंगे। और यदि सुधारना लाया जाए तो उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया जाए। हालांकि जिलाध्यक्ष ने कहा है कि सोशल मीडिया पर उन्होंने इसे वायरल नहीं किया है। उन्होंने संगठन के हित में हमेशा काम करने की बात कही है। इस लिये उन्होंने इन विवादों के लिये शीर्ष नेतृत्व को रिपोर्ट भेजी है।
बताते चलें कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की दोनों सीटें हारने और विधानसभा चुनाव में सपा से गठबंधन के बाद भी पार्टी दोनो सीटों भी नहीं जीत सकी। जिलाअध्यक्ष का इस्तीफा वायरल होने के बाद इसके पीछे कहीं ना कहीं पार्टी के दो दिग्गज नेताओं की जंग प्रतीत हो रही है। हालांकि पार्टी के वरिष्ठ नेता बोल मिले-जुले हैं। कुछ का कहना है कि जिलाध्यक्ष अपनी मनमानी करना चाहते हैं। तो कुछ का कहना है। कि पार्टी के दोनों वरिष्ठ नेता सुलझे हुए हैं। इसमें कोई भी विरोध नहीं है। और ना ही दोनों नेता संगठन के कार्य में हस्तक्षेप करते हैं। लोकसभा चुनाव 2009 में कांग्रेस जिले की दोनों सीटों पर जीती थी। खीरी से वरिष्ठ नेता जफर अली और धौरहरा से जितिन जीते थे।
जितिन को केंद्रीय मंत्री बनाया गया था। हालांकि इसके बाद दोनों नेता कभी एक मंच पर नहीं दिखे। पार्टी के आवाहन पर होने वाले आंदोलन को दोनों नेताओं ने अलग-अलग आयोजित करते है। इतना ही नही दोनो की प्रेसवार्ता भी अलग अलग होती है। कांग्रेस जिलाअध्यक्ष कुंवर राघवेंद्र प्रताप कहते हैं। कि इससे कार्यकर्ताओं भी दो धड़ो में बटे हुए हैं। जिला संगठन जितिन को आमंत्रित कर लव तो नकवी नाराज हो जाते हैं। नकवी को आमंत्रित कर ले तो जितिन नाराज हो जाते हैं। इससे उन्हें खुद अनावश्यक प्रदेश संगठन को स्पष्टीकरण देना पड़ता है। जिला अध्यक्ष का कहना है। कि विधानसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन हुआ दो सीट पर कांग्रेस चुनाव लड़ी। एक पे पूर्व सांसद के बेटे सैफ अली खान दूसरी पर संजय शर्मा को चुनाव मैदान में उतारा गया था। लेकिन दोनों सीटों की करारी हार के पीछे कहीं ना कहीं पार्टी की गुटबाजी नजर आई। जिलाध्यक्ष को यह भी मलाल है कि यही वजह है कि जिले में कोई भी आंदोलन सफल नहीं हो पा रहा है। कुल मिलाकर जिलाध्यक्ष के आरोपों के बाद कांग्रेस के दोनों दिग्गजों की जंग सड़क पर आ गए। वहीं पूर्व मंत्री जितिन प्रसाद के प्रवक्ता राजीव अगिनहोत्री का कहना है। कि जितिन प्रसाद संगठन के कार्य में कोई हस्तक्षेप नहीं करते हैं। उनकी किसी से कोई लड़ाई नहीं है।