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Sunday, September 8, 2024

‘जिन्होंने चुनाव हरवाया, उन्हें अखिलेश ने बड़े पद दे दिए’

लखनऊ। सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने बुधवार को अपने जन्मदिन के मौके पर भी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को खूब खरी-खरी सुनाई। सपा मुख्यालय में आयोजित समारोह में उन्होंने मंच से ही साफ कहा कि जिन लोगों ने हमें विधानसभा चुनाव हरा दिया, उन्हें अखिलेश ने बड़े पदों पर बिठा दिया है। उन्होंने बिना नाम लिए पार्टी के एक नेता की ओर इशारा करते हुए कहा कि उसके घर में कुल 51 वोट हैं और हमें सिर्फ 9 वोट ही उनके गांव के बूथ पर मिले। हालांकि, अखिलेश का कहना है कि उस बूथ पर 12 वोट मिले। इसे लेकर हमारा और अखिलेश का झगड़ा भी हुआ।
शर्म नहीं आती, सिर्फ 47 सीटें जीते
मुलायम यही नहीं रुके। उन्होंने कहा- अखिलेश ने इतना काम किया, पर इसके बाद भी कितनी सीटें मिलीं? किसने धोखा दिया? शर्म नहीं आती कि आज सपा के पास केवल 47 सीटें हैं। मुलायम ने कहा- ‘हम पार्टी को कमजोर नहीं देखना चाहते। मैंने अकेले यह पार्टी बनाई थी। सब लोग समाज को एक करके समता और संपन्नता के लक्ष्य को लेकर चलेंगे तो सपा पहले जैसी मजबूत हो जाएगी। उस वक्त जैसे नौजवान कार्यकर्ता थे, आज वैसे नौजवानों की कमी है। कई तो अपने गांव के बूथ तक नहीं जिता सकते’।
मुलायम सिंह ने कहा कि उनके जन्मदिन पर लोग यूपी ही नहीं, बल्कि बाकी प्रदेशों में भी खुश होकर नारेबाजी कर रहे हैं। जिंदाबाद के नारों से नेताओं का मनोबल बढ़ता है, लेकिन हमें गरीबों-मजलूमों के लिए संघर्ष करना है। आज भी 35% लोगों को दो वक्त का खाना नहीं मिलता। मेरा जन्मदिन मनाना है तो वापस जाकर किसी भूखे परिवार की मदद करना। पार्टी नेताओं से बोले कि जनता के बीच जाकर छवि बनानी होगी। छवि खराब होती है तो पार्टी को जनता खारिज कर देती है। इसी वजह से अखिलेश की मेहनत बेकार चली गई। इससे ज्यादा सीटें तो तब आ गई थीं जब मैंने अयोध्या में गोली चलवाई और लोग कह रहे थे कि आप जीत नहीं पाओगे।
मस्जिद नहीं बचाते तो ठीक नहीं रहता
मुलायम ने कहा कि मुसलमान ने सपा का साथ नहीं छोड़ा है, लेकिन पार्टी के नेता उनका वोट नहीं डलवा सके। मुलायम ने एक और खुलासा किया कि अगर वह अयोध्या में मस्जिद नहीं बचाते तो ठीक नहीं होता। उस दौर में कई नौजवान आक्रोशित थे और हथियार उठाने जा रहे थे। हमने मस्जिद बचाने के लिए गोलियां चलवाईं, जिसमें 28 लोग मारे गए। देश की एकता के लिए और को भी मारना पड़ता तो सुरक्षा बल उसमें भी नहीं चूकता। गोलियां चलवाने के बाद भी 1993 में सपा को 105 सीटें मिलीं और हमारी सरकार बन गई।
अखिलेश पहले हमारा बेटा, नेता बाद में
मुलायम ने इससे पहले केक काटकर अपना 79वां जन्मदिन मनाया। एमएलसी आशु मलिक और पूर्व मंत्री नारद राय के साथ आए मुलायम जैसे ही मंच पर पहुंचे अखिलेश ने उनका शॉल ओढ़ाकर और पैर छूकर स्वागत किया। उ‌न्होंने कहा, देशभर में चर्चा है कि हमने अखिलेश को आशीर्वाद दे दिया। मैंने सबसे कह दिया कि अखिलेश मेरा बेटा भी है और राजनीति भी करता है। मेरे लिए वह बेटा पहले और नेता बाद में है। इसलिए उसके साथ आशीर्वाद कायम है।
शिवपाल नहीं बुलाए गए
सपा मुख्यालय में मुलायम का जन्मदिन बड़े धूमधाम से मनाया गया, लेकिन सपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव को नहीं बुलाया गया। समारोह में वाराणसी से आए पद्म भूषण छन्नू लाल मिश्र ने सोहर गाकर मुलायम को बधाई दी। सपा से बीएसपी में गए पूर्व मंत्री नारद राय भी मुलायम को बधाई देने पहुंचे।
राज्यपाल ने भी दी बधाई
राज्यपाल राम नाईक ने भी सपा संरक्षक को उनके घर जाकर बधाई दी। शाम करीब छह बजे मुलायम के विक्रमादित्य आवास पर राज्यपाल उनसे मिले और यादें भी ताजा कीं। राम नाईक जब पेट्रोलियम मंत्री थे, उस वक्त मुलायम संसद की पेट्रोलियम मंत्रालय परामर्शदाता समिति के अध्यक्ष थे। मुलायम उन्हें पोर्टिको तक छोड़ने भी आए।

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