राष्ट्रपति पद के लिए इतनी असमंजस की स्थिति बंटी जा रही है देश में कि किसी को नहीं पता कौन है अगला राष्ट्रपति. रोज़ एक नया नाम सामने आ रहा है. सबसे दिलचस्प बात ये कि उठ रहे नामों में से कोई भी राजनेता नहीं है. राष्ट्रपति भारत का सबसे महत्वपूर्ण पद है. राष्ट्रपति को देश का पहला नागरिक कहा जाता हैं. ऐसे में जद्दोजहद होना भी लाजमी है.
राष्ट्रपति के ऊपर जिम्मेदारियों का भंडार रहता है. संसद से लेकर सेना से लेकर देश के शिक्षण संस्थान सबको देखना राष्ट्रपति का काम है. वो कहते हैं न बड़े पद के साथ बड़ी जिम्मेदारियां आती है. इस पद पर आज तक जितने भी लोग रहे हैं सब समाज में कुछ न कुछ बड़ा करने के कारण ही रहे हैं. फिर चाहे वो एपीजे अब्दुल कलाम हों या कोई और.
राष्ट्रपति का पूरा देश तो सम्मान करता ही है, नेता भी शायद सिर्फ राष्ट्रपति की सुनते हैं. लेकिन ये बात भी सच है कि अब्दुल कलाम के बाद इस पद पर कोई ऐसा शख्स नहीं आया जिसने सही मायनों में इस पद की गरिमा रखी हो. प्रणब मुख़र्जी भी रबर स्टाम्प जैसे लगने लगते हैं. हालाँकि, कभी कबार वो आलोचना भी कर देते हैं.
मोदी सरकार कि स्थितियां देख कर साफ़ लगता है कि संसद में उसको बहुमत हासिल हो ही जायेगा. ऐसे में एनडीए सरकार वोटों पर कम उम्मीदवार पर ज्यादा ध्यान दे रही है. लिस्ट में सुषमा स्वराज, लोक सभा स्पीकर सुमित्रा महाजन, झारखंड की पहली महिला गवर्नर द्रौपदी मुर्मू जैसे नाम तो शामिल हैं लेकिन अब एक और दिलचस्प नाम सामने आया है. वो नाम है मेट्रो मैन ई श्रीधरन.
मीडिया रिपोर्ट्स की माना जाये तो इस बात की मजबूत सम्भावना है कि मेट्रो मैन ई श्रीधरन का नाम राष्ट्रपति पद के लिए मोदी सरकार रख सकती है. हालाँकि, खुद मेट्रो मैन ई श्रीधरन ने इस बात को नकारा है. उन्होंने कहा कि ये सब सिर्फ अफवाह है और कुछ नहीं. ऐसी कोई बात नहीं हुई है. वैसे, अगर उन्हें इस पद के लिए चुना जाता है तो ये एक बढ़िया फैसला साबित हो सकता है. वहीं, हाल ही में कोच्चि मेट्रो के लॉन्च के लिए मोदी सरकार ने मेट्रो मैन ई श्रीधरन को बुलावा तक नहीं दिया था. अब बुलावा तो दे दिया है लेकिन उन्हें पीएम मोदी के साथ स्टेज शेयर करने की अनुमति नहीं दी गयी है.