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Tuesday, December 3, 2024

जीडीपी का 5.7 फीसदी पर आने का मतलब है नोटबंदी ने असंगठित क्षेत्र को बर्बाद किया ?

नई दिल्ली : वित्त वर्ष 2018 की पहली तिमाही में देश की ग्रोथ अनुमान से खराब रही। जीडीपी 3 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। तिमाही दर तिमाही आधार पर अप्रैल-जून तिमाही में देश की जीडीपी 6.1 फीसदी से घटकर 5.7 फीसदी पर आ गई है। जबकि पिछले वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी दर 7.9 फीसदी रही थी। वित्त वर्ष 2018 की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ वित्त वर्ष 2014 की चौथी तिमाही के बाद सबसे निचले स्तर पर रही है।

जानकार जीडीपी में गिरावट का सबसे बाद कारण नोटबंदी मान रहे हैं। क्योंकि इसका असंगठित क्षेत्र पर बड़ा असर पड़ा है। उनका कहना है कि देश में ब्लैक इकॉनमी का मात्र एक प्रतिशत कालाधन कैश में था। जबकि 93% लोग असंगठित क्षेत्र पर रोजगार के लिए निर्भर हैं। शरुआत में नोटबंदी का जीडीपी पर असर इसलिए भी नहीं दिखा क्योंकि उसमे ज्यादातर संगठित क्षेत्र का डाटा था, जबकि सबसे ज्यादा प्रभावित हुए असंगठित क्षेत्र का डाटा अब आना शुरू हुआ है। नोटबंदी का ही असर था असर था बैंकों की क्रेडिट ग्रोथ नेगेटिव में चली गई थी।

ग्रोथ में गिरावट ज्यादातर इंडस्ट्री सेक्टर में गिरावट की वजह से है। मैन्युफैक्चरिंग में सबसे ज्यादा गिरावट है। ये 10 फीसदी से गिरकर 1 फीसदी पर पहुंच गई है। इसके अलावा कंस्ट्रक्शन और कृषि सेक्टर की ग्रोथ में भी गिरावट है। हालांकि सर्विस सेक्टर का प्रदर्शन ठीक रहा है।सालाना आधार पर वित्त वर्ष 2018 की पहली तिमाही में जीवीए ग्रोथ 7.6 फीसदी से घटकर 5.6 फीसदी रही है। जबकि वित्त वर्ष 2017 की चौथी तिमाही में जीवीए ग्रोथ 5.6 फीसदी रही थी।

साल दर साल आधार पर वित्त वर्ष 2018 की पहली तिमाही में कृषि सेक्टर की ग्रोथ 2.5 फीसदी से घटकर 2.3 फीसदी रही है। सालाना आधार पर वित्त वर्ष 2018 की पहली तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ 10.7 फीसदी से घटकर 1.2 फीसदी रही है। साल दर साल आधार पर वित्त वर्ष 2018 की पहली तिमाही में माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ -0.9 फीसदी के मुकाबले -0.7 फीसदी रही है।

सालाना आधार पर वित्त वर्ष 2018 की पहली तिमाही में कंस्ट्रक्शन सेक्टर की ग्रोथ 3.1 फीसदी से घटकर 2 फीसदी रही है। सालाना आधार पर वित्त वर्ष 2018 में इंडस्ट्री की ग्रोथ 7.4 फीसदी से घटकर 1.6 फीसदी रही है। सालाना आधार पर वित्त वर्ष 2018 की पहली तिमाही में सर्विसेस की ग्रोथ 9 फीसदी से घटकर 8.7 फीसदी रही है।

सालाना आधार पर वित्त वर्ष 2018 की पहली तिमाही में इलेक्ट्रिसिटी, गैस और जलापूर्ति की ग्रोथ 10.3 फीसदी से घटकर 7 फीसदी रही है। सालाना आधार पर वित्त वर्ष 2018 की पहली तिमाही में ट्रेड, होटल और ट्रांसपोर्ट की ग्रोथ 8.9 फीसदी से बढ़कर 11.1 फीसदी रही है।

सालाना आधार पर वित्त वर्ष 2018 की पहली तिमाही में फाइनेंशियल सर्विसेस, इंश्योरेंस और प्रोफेशनल सर्विसेस की ग्रोथ 9.4 फीसदी से घटकर 6.4 फीसदी रही है। सालाना आधार पर वित्त वर्ष 2018 की पहली तिमाही में सार्वजनिक प्रशासन, डिफेंस एवं अन्य सेवाओं की ग्रोथ 8.6 फीसदी से बढ़कर 9.5 फीसदी रही है।

वहीं ग्रोथ में गिरावट को लेकर सरकार घिरी तो अब बचाव में भी तर्क देने लगी। चीफ स्टैटिस्टिशियन टीसीए अनंत का कहना है कि नोटबंदी की वजह से ग्रोथ में गिरावट आई है ऐसा सोचना गलत है। उन्होंने कहा कि जीएसटी के दौरान इंडस्ट्री ने नए प्रोडक्ट का उत्पादन काफी कम कर दिया था। जिसके कारण जीडीपी में गिरावट देखने को मिली है। आने वाली तिमाही में इंडस्ट्री में उत्पादन फिर से पुराने स्तर पर लौटने लगेगा और जीडीपी में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।

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