बोस्टन विस्फोट के साजिशकर्ता जोखर सारनाएव ने प्रेशर कुकर बम में विस्फोट करने के लिए अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया था.
एफबीआई ने अमेरिका की एक अदालत में दाखिल आपराधिक शिकायत में यह दावा किया है.
एफबीआई(अमेरिका की संघीय जांच एजेंसी) ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि विस्फोट के बाद जहां हर तरफ अफरा-तफरी मची हुयी थी, वहीं संदिग्ध काफी शांत नजर आ रहा था.
अमेरिका की एक अदालत ने बोस्टन विस्फोट के जीवित बचे एकमात्र संदिग्ध साजिशकर्ता जोखर सारनाएव के खिलाफ मुकदमे की पहली सुनवाई 30 मई को मुकर्रर की है.
न्यायाधीश ने सोमवार को फैसला सुनाया कि मामले की पहली सुनवायी 30 मई को मैसाचुसेट्स जिला अदालत में होगी.
चेचन्या मूल के 19 वर्षीय जोखर सारनाएव के खिलाफ ‘नरसंहार के हथियार’ इस्तेमाल करने की साजिश के आरोप लगाये गये हैं और दोषी पाये जाने की सूरत में उसे मौत की सजा दी जा सकती है.
इस 10 पन्नों की शिकायत में एफबीआई के विशेष एजेंट डैनियल गेनेक ने घटनाक्रम का ब्योरा दिया है. उन्होंने सुरक्षा कैमरों से मिली सूचना के आधार पर कहा कि दोनों संदिग्धों को पहली बार विस्फोट स्थल पर पहले विस्फोट से 11 मिनट पूर्व देखा गया.
अमेरिका के बोस्टन शहर में मैराथन के दौरान हुये दो विस्फोटों की साजिश रचने वाले दो संदिग्ध चेचेनयाई भाइयों की पहचान तामेरलान सारनाएव (26साल) और जोखर सारनाएव (19साल) के तौर पर हुयी है. इन विस्फोटों में 3 लोग मारे गये थे और 200 से अधिक लोग घायल हुये.
तामेरलान मारा गया है जबकि किर्गिस्तान में पैदा हुये जोखर को शुक्रवार को एक नाव से गिरफ्तार किया गया.
एफबीआई की शिकायत में कहा गया है कि तामेरलान ने गहरे रंग की बेसबॉल टोपी, सनग्लास, सफेद टीशर्ट पहनी हुयी थी. उसके भाई ने सफेद बेसबॉल टोपी, टीशर्ट, काली जैकेट और गहरे रंग की पैंट पहनी हुयी थी.
इसमें कहा गया कि पहले विस्फोट से 30 सेंकेड पूर्व उसने फोन अपने कान पर लगाया और लगभग 18 सेकेंड तक यह स्थिति बनी रही. उसके फोन काटने के चंद सेंकेड बाद ही लोगों को पहले विस्फोट के कारण भागते हुये देखा जा सकता था.
इस मामले की संजीदगी और जोखर की हालत के मद्देनजर अधिकारियों ने अस्पताल के कमरे को ही एक अदालत में तब्दील कर दिया है, जहां जिला न्यायाधीश मारियाने बी बाउलर ने कार्यवाही शुरू की. इस मामले में भारतीय अमेरिकी आलोक चक्रवर्ती संघीय सरकार का पक्ष रखेंगे