लखनऊ, शैलेन्द्र कुमार। ऑस्ट्रेलिया टीम ने जिस तरह टीम इंडिया के खिलाड़ियों को पुणे में ताश के पत्तों की तरह बिखेर दिया। और इनके हाथों से टेस्ट सीरीज जिसमें वह नंबर वन टीम है का पहला मैच छीन लिया। ऑस्ट्रेलिया टीम के स्पिनर ओकीफी ने टीम इंडिया के बल्लेबाजों की कड़ी परीक्षा ली और उनको संघर्ष करने पर मजबूर कर दिया जिसके लिए वह निपुण माने जाते हैं।
और चार मैचों की टेस्ट सीरीज में 1-0 से बढ़त बना ली, और अपने हौसले को ऊंचाई दी। और बंगलूरू में भी जब उसने टीम इंडिया को पहली पारी में 189 रन पर ढेर किया तो भी उसने सोचा कि यह मैच भी उनकी टीम ही जीतेगी। लेकिन टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया टीम के इस सपने को पूरा नहीं होने दिया। और उसने बंगलूरू में टीम इंडिया के स्टार गेंदबाज आर अश्विन के रिकॉर्ड बनने के साथ ही ऑस्ट्रेलिया को 75 रन से करारी हार का सामना कराया।
और अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की करिश्माई गेंदबाजी की बदौलत भारत ने चार टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-1 से बराबरी कर ली। यही नहीं इस जीत में बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा की 92 रन की पारी और बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा के बीच 118 रन की साझेदारी भी इस मैच की जीत का अहम हिस्सा रही है।
टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के सामने जीत के लिए 188 रन का लक्ष्य रखा था, जिसके जवाब में मेहमान टीम 35.4 ओवर में 112 रन पर ढेर हो गई। और अश्विन ने भी ऑस्ट्रेलिया टीम के बल्लेबाजों को कड़ा संघर्ष करने पर मजबूर कर दिया जैसे उनकी टीम के बल्लेबाज कर रहे थे। और उनकी टीम के बल्लेबाजों को बहुत सस्ते में पवेलियन का रास्ता दिखाकर जीत टीम इंडिया की झोली में डाल ली।
भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने दूसरी पारी में 6 विकेट लेकर अपने विकेटों की संख्या 269 करते हुए अपने ही देश के पूर्व स्पिनर बिशन सिंह बेदी (266) को पीछे छोड़ दिया। इस लिहाज से वह अनिल कुंबले और हरभजन के बाद भारत के तीसरे सबसे सफल स्पिनर गेंदबाज बन गए हैं।
टीम इंडिया के कुछ गेंदबाजों के नाम जो टेस्ट मैच में ज्यादा विकेट लेने में सफल रहे हैं-
नाम मैच विकेट श्रेष्ठ 5/10 विकेट
अनिल कुंबले 132 619 10/74 35/08
कपिल देव 131 434 9/83 23/02
हरभजन सिंह 103 417 8/84 25/05
जहीर खान 92 311 7/87 11/01
आर अश्विन 47 269 7/59 25/07
बिशन सिंह बेदी 67 266 7/98 14/01
यही नहीं टीम इंडिया के आर अश्विन ने जो जीत दिलाई है वह सराहनीय होने के साथ-साथ करिश्माई भी है। जिस तरह ऑस्ट्रेलिया टीम के बल्लेबाज बल्लेबाजी करते हैं। उसे देखते हुए तो ऐसा ही लग रहा था कि अपनी बल्लेबाजी क्रम के दम पर मेहमान टीम ये मैच भी आसानी से जीत लेगा। लेकिन आर अश्विन अपनी गेंदबाजी के दम पर तो सारा पासा ही पलटकर रख दिया और जीत 75 रनों से दिलाई।
भारतीय टीम ने चेतेश्वर पुजारा (92), अजिंक्य रहाणे (52) और प्लेयर ऑफ द मैच केएल राहुल (51) के बेशकीमती अर्द्धशतकों की मदद से दूसरी पारी में 97.1 ओवर में 274 रन बनाए। और इसके बाद लक्ष्य का पीछा करने उतरी मेहमान टीम की पारी डेढ़ सत्र के अंदर ही सिमट गई।
ऑस्ट्रेलिया टीम के 6 विकेट 11 रन के अंदर गिर गये। और टीम इंडिया ने एक बार फिर कम स्कोर का बचाव करते हुए सराहनीय जीत हासिल की। टीम के कुछ कम स्कोर जिसका बचाव करने में टीम सफल रही है-
टीम स्कोर लक्ष्य मैदान वर्ष
ऑस्ट्रेलिया 93 107 मुंबई 2004
ऑस्ट्रेलिया 83 143 मेलबर्न 1981
द. अफ्रीका 105 170 अहमदाबाद 1996
न्यूजीलैंड 127 188 मुंबई 1969
ऑस्ट्रेलिया 112 188 बंगलूरू 2017
इंग्लैंड 163 192 कोलकाता 1972
इस तरह से टीम इंडिया इससे पहले भी कम स्कोर को बचाने में सफल रही है और एक बार फिर कम स्कोर को बचाते हुए जीत हासिल की। और अपनी टीम का मान भी बचाया। और यही नहीं टीम इंडिया की बंगलूरू में इस जीत के साथ ही यह भी सुनिश्चित हो गया है कि भारतीय टीम 1 अप्रैल तक अपनी नंबर एक की रैंकिंग पर बरकरार रहेगी।
जिसके लिए टीम को 10 लाख अमेरिकी डॉलर की पुरस्कार राशि भी मिलेगी और इस बात की पुष्टि खुद आईसीसी ने ट्वीट करके की है। टीम ने जिस तरह से धमाकेदार वापसी की है और मेहमान टीम को ढेर किया है उससे क्रिकेट प्रेमियों को होली से पहले उनकी होली के रंगीन खुशियों के रंग में और भी ज्यादा खुशियों के रंग भर दिये हैं।
और मेहमान टीम को चेतावनी भी दी है कि अगले मैच में भी वह ऐसा ही करके सीरीज में बढ़त बनाने के लिए प्रयासरत रहेगी। और उन्हें रोकने के लिए ऑस्ट्रेलिया को कड़ा संघर्ष करना पड़ेगा। इस जीत के साथ ही टीम इंडिया के हौसले बुलंद हैं। जिसके चलते वह और अच्छा प्रदर्शन करने के इरादे से पिच पर उतरेगी।