बेंगलूरु. छुट्टिया बिताकर वापस अपने शिक्षण संस्थान (मदरसा) आ रहे सैकड़ा भर से अधिक छात्र और उनके अभिभावक गलतफहमी का शिकार हो गए। सुरक्षा बलों ने उन्हें गुवाहाटी एक्सप्रेस से बेंगलूरु स्टेशन पर उतारकर पूछताछ की।किसी ने यह बात फैलाई थी कि बड़ी संख्या में बच्चों को बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल से तस्करी कर केरल ले जाया जा रहा है।हालांकि पूछताछ में कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला और सूचना अफवाह साबित हुई, जिसके बाद सभी को गंतव्य की ओर जाने दिया गया।
रेलवे पुलिस के साथ ही पुलिस आयुक्त कार्यालय के केन्द्रीय अपराध जांच शाखा (सीसीबी) अधिकारियों ने शिवाजी नगर के छावनी रेलवे स्टेशन पर गुवाहाटी एक्सप्रेस रोक कर चार बोगियों में सवार 160 बच्चों और उनके माता-पिता को उतार लिया। उन्हें भारती नगर, राममूर्ति नगर, इंदिरा नगर और अन्य पुलिस थाना ले जाया गया। इनके पास कपड़ों और अन्य आवश्यक सामान के अलावा कुछ नहीं मिला।
पुलिस उपायुक्त (अपराध) जिनेन्द्र कणागवी ने संवाददाताओं को बताया कि सभी बच्चे बेंगलूरु, सागर, तुमकूरु, मडिकेरी और अन्य शहरों में स्थित मदरसों के छात्र हैं। वह रमजान की छुट्टियों में अपने गांव बिहार और उत्तर प्रदेश गए थे। अब मदरसों को लौटे हैं।
अज्ञात लोगों ने पुलिस और रेलवे पुलिस कंट्रोल रूम को गलत सूचतना दी थी कि बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल से बच्चों की तस्करी कर उन्हेंं केरल भेजा जा रहा है। इस पर पुलिस को चौकन्ना होना पड़ा। मदरसों के प्राचार्यों, बच्चों के दस्तावेज और अन्य जानकारी ली गई। इन बच्चों में किसी का संबंध बांग्लादेश से नहीं है।सभी बच्चे बिहार और उत्तर प्रदेश से संबंध रखते है। दूसरी तरफ बच्चों को उर्दू के अलावा कोई भाषा नहीं आती थी। इसलिए पूछताछ के दौरान कुछ परेशानी जरूर हुई।