लखनऊ,दीपक ठाकुुुर। एक तारफ जहां बिजली की चाक चोबन्ध व्यवस्था के लिए सरकार तत्परता के साथ अपनी नई नई योजनाओं का एलान कर रही है तो वही दूसरी तरफ विभागीय उदासीनता इन योजनाओं और घोषणाओं की ऐसी तैसी करने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहा है।
आज भी पुराने लखनऊ के कई क्षेत्रों में बिजली की आवाजाही से आम जनता त्रस्त नज़र आ रही है हम अगर ठाकुरगंज हरदोई रोड की बात करे तो वहां का आलम ये है कि पिछले कई दिनों से सुबह 11 बजते ही पंखा ऐसा रुकता है कि फिर कब चलेगा ये पता नही रहता कारण ना ही बिजली जाने की कोई सूचना दी जाती है और ना ही ये बताया जाता है कि कब तक आएगी।
हम जब इस क्षेत्र से गुजरे तो देखा कि वहां के व्यापारी हाथ मे हवा करने का सामान लेकर गर्मी से जद्दोजहद कर रहे थे कोई पंखे को निहार रहा था तो कोई सरकार से कर्मचारियों पर सख्ती करने की गुजारिश करता नजर आ रहा था। वैसे हम सभी जानते हैं कि आज के दौर में बिजली के बिना कोई काम संभव नही हो पाता ऐसे में वो व्यापारी क्या करेगा जो सुबह से शाम अपने काम के लिए बिजली पर ही आश्रित हो ये एक बड़ा सवाल है कि आखिर बिजली विभाग बिजली काटने और उसमें हुवे फाल्ट की जानकारी जनता से क्यों नही साझा करता।
आपको भी याद ही होगा कि चुनावी दौर में उत्तर प्रदेश की बिजली भी एक अहम मुद्दे का स्थान पा चुकी है इसको चुस्त दुरुस्त करने के लिए योगी सरकार पूरी तरह वचनबद्ध तरीके से काम को अंजाम तक ले जाने की भूमिका भी तैयार कर रही है तो फिर चूक कहाँ हो रही है ये गौर करने की बात है कि क्या सरकारी आदेश को खुद सरकारी कर्मचारी ही हल्के में ले रहा है या व्यवाथा दुरुस्त होने में उसे अपना नुकसान दिख रहा है इस वजह से वो बिजली देने में खेल खेल रहा है कारण जो भी हो सरकार को विभागीय कर्मचारी पर सख्त रुख अपनाने का समय आ गया है क्योंकि पिछली सरकार ने सबकी आबो हवा बदल के रख दी थी तो नई व्यवस्था के लिए नए कदम उठाने भी ज़रूरी हैं जिससे जनता को सही जानकारी और पूरी बिजली मिल सके।