मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने दो दिन के दौरे पर शनिवार की दोपहर वाराणसी पहुंचे। उन्होंने आयुक्त सभागार में करीब चार घंटे तक विकास कार्यों एवं कानून व्यवस्था की समीक्षा की। विभागवार सभी अधिकारियों से जानकारी ली।
लोक निर्माण, नगर निगम, जल निगम और जलकल पर वह खासे नाराज थे। उन्होंने कहा ये विभाग अब तक रफ्तार नहीं पकड़ पा रहे हैं जबकि इनकी जिम्मेदारी काफी बड़ी है। उन्होंने इन विभागों के अधिकारियों को चेतावनी दी।
सीएम ने डायल 100 पर कहा कि इसमें काम करने वाले पुलिसकर्मियों की वसूली की शिकायतें मिल रही है। एसएसपी इसमें सुधार करें, नहीं तो इसे बंद कराना होगा। एसएसपी सीधे इसकी मानीटरिंग करें।
भू माफियाओं पर कार्रवाई के बारे में कहा कि किसी गरीब का उत्पीड़न का नहीं होना चाहिए। जिन्होंने कब्जे की जमीन पर निर्माण किया है और धाखाधड़ी कर करोड़ों कमाए हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। हर एसडीएम को एंटी भू माफिया सेल का प्रभारी बनाया गया है।
कानून व्यवस्था के मसले पर कहा कि अपराध कम हुए हैं लेकिन पुलिस को सतर्कता बरतनी चाहिए। कहीं भी कानून व्यवस्था बिगड़ी तो डीएम और एसएसपी जिम्मेदार होंगे। सिंचाई विभाग से वरुणा कारीडोर की कार्य प्रगति के बारे में पूछा। निर्माणाधीन चार फ्लाईओवर के बाबत भी पूछा।
अफसरों ने सीएम को बताया कि सामनेघाट और बलुआघाट पुल लगभग तैयार है। सड़कों के बाबत कहा कि बरसात खत्म होते ही अभियान चलाकर सड़कों की मरम्मत कराएं। पिंडरा से विधायक अवधेश सिंह ने सिंचाई विभाग के इंजीनियरों की शिकायत करते हुए कहा कि रजला में नहर में पानी नहीं है जबकि विभाग दावा कर रहा है नहर में पानी है।
सीएम ने विभागों आंकड़ों की बाजीगरी से बचने को कहा। बैठक में केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री डा. महेंद्रनाथ पांडेय, विधि एवं सूचना, खेल राज्य मंत्री डा. नीलकंठ तिवारी, प्रमुख सचिव सूचना अवनीश अवस्थी, एडीजी जोन, कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण, डीएम योगेश्वर राम मिश्रा, एसएसपी आरके भारद्वाज एवं सभी विभागों के प्रतिनिधि मौजूद थे।