लखनऊ, आसमोहम्मद कैफ । बुद्धिजीवी तबके के ऊर्जावान नोजवान तारिक़ सिद्दीकी के लखनऊ उत्तरी विधानसभा से पर्चा दाखिल करने के बाद यहां राजनैतिक हलचल बढ़ है ,तारिक मज़लूमो और युवाओं मे काफी लोकप्रिय है।उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं, पांच साल पहले बनी लखनऊ की एक सीट पर मुकाबला इस बार रोचक हो है।यहां से समाजवादी पार्टी के प्रखर वक्ता और कांग्रेस मे पहले जलवा अफरोज रहे युवा नेता तारिक़ सिद्दीकी के आज़ाद उम्मीदवारी करने से अब मामला बहुत रोचक हो गया है ,तारिक़ एक बेहद लोकप्रिय नाम है ,स्पष्टवादिता और विकासशील सोच के चलते वो आम लोगो मे पसंद किये जाते है ,कांग्रेस मे उनकी काफी लोकप्रियता थी ,कुछ माह पहले मीडिया मे उनकी खास वाक्पटुता से प्रभावित होकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उन्हें सपा से जुड़ने के लिए प्रेरित किया था ,इसके बाद वो विभिन्न मुद्दों पर टीवी पर समाजवादी पार्टी का पक्ष रखते हुए नजर आते थे ,समाजवादी पार्टी के भीतरी संकट के समय मे उन्होंने पार्टी की जोरदार वकालत की जिसकी पार्टी स्तर पर बहुत सराहना हुई थी , ,लखनऊ मे वो अपनी लोकप्रियता के चलते मजबूत मकाम रखते है ,अब उत्तर विधानसभा से उनकी दावेदारी के बाद नए समीकरण बन गए है ,खासतौर पर अभिषेक मिश्र की स्थिति इससे प्रभावित होगी अब तक अभिषेक मजबूत दावेदार थे मगर हालात बदल चुके है।
चुनाव से करीब छः माह पूर्व जहाँ राजनीतिक पंडित पांच साल पहले बनी लखनऊ उत्तर विधानसभा में भी इस बार कांटे की टक्कर हैं,
वर्ष 2012 में महोना विधान सभा,लखनऊ पूर्व ,लखनऊ पश्चिम विधान सभा का हिस्सा काटकर लखनऊ उत्तर विधान सभा का निर्माण किया गया। इस चुनाव में सपा के उम्मीदवार प्रो. अभिषेक मिश्रा ने 47580 मत पाकर लखनऊ उत्तर के पहले विधायक होने का गौरव प्राप्त किया। कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. नीरज बोरा को 44644 मतों के साथ दूसरे नंबर पर जबकि भाजपा प्रत्याशी और लखनऊ के दिग्गज नेता लालजी टंडन के पुत्र आशुतोष टंडन उर्फ़ गोपाल जी 39079 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे। रियल स्टेट के व्यवसाय से राजनीति में उतरे बसपा प्रत्याशी अरुण द्विवेदी को 22990 मत प्राप्त हुए थे। इस बार कई प्रत्याशियों के बदलने से मुकाबला और दिलचस्प हो गया है,यहाँ चुनाव बहुत रोमांचक होगा ।
2017 में लखनऊ उत्तर विधान सभा में कांग्रेस से पाला बदलकर डॉ. नीरज बोरा भाजपा से उम्मीदवार हैं वहीं सपा-कांग्रेस गठबंधन उम्मीदवार के रूप में एक बार फिर से प्रो. अभिषेक मिश्र पर अखिलेश यादव ने भरोशा जताते हुए उम्मीदवार बनाया है। बसपा से अजय श्रीवास्तव उर्फ़ अज्जु किस्मत आजमा रहे हैं। तो वहीं लंबे समय से कांग्रेस,भाजपा,बसपा,सपा,की राजनीति में सक्रिय रहे उधोग व्यापार मंडल के नेता अजय त्रिपाठी उर्फ़ मुन्ना भी अपने क्षेत्रीय नेटवर्क के बल पर निर्दलीय प्रत्याशी है ,मगर पढ़े लिखे नोजवान तारिक़ सिददीकी ने सब कुछ बदल दिया है।
यहां कुल करीब 3 लाख साठ हजार मतदाता है जिनमे मुस्लिम मतदाता की संख्या करीब 1 लाख पच्चीस हजार है ब्राह्मण लगभग 60 हजार है ओबीसी-लगभग 50 हजार ,दलित- लगभग 22 हजार,वैश्य लगभग 40 हजार कायस्थ लगभग 6 हजार अन्य- लगभग 22 है ,यहां अल्पसंख्यक मतदाताओं की भारी संख्या और सभी वर्गो मे युवा तारिक़ सिद्दीक़ी की लोकप्रियता को देखते हुए अचानक से राजनैतिक हलचल तेज़ हो गयी है और सबसे ज्यादा शिकन सपा कांग्रेस के गठबन्धन के प्रत्याशी के माथे पर है।