लोकसभा से पारित कराने के बाद अब मंगलवार को राज्यसभा में मोदी सरकार एक साथ तीन तलाक को गैर कानूनी और गैर जमानती अपराध बनाने वाले बिल को पेश करेगी।
राजनीतिक दल इसका विरोध भले ही नहीं कर रहे हों, लेकिन ज्यादातर दलों की राय है कि इस विधेयक को स्थाई समिति को भेजकर और बेहतर बनाया जाए। राज्यसभा में मजबूत विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार पर दबाव बनाने में कामयाब हो सकता है।
माना जा रहा है कि ‘सॉफ्ट हिंदुत्व’ की राह पर चल पड़ी कांग्रेस को अब अपनी इमेज की खासी चिंता है, इसलिए वह राज्य सभा में इस बिल को लेकर सरकार के खिलाफ आक्रामक रवैया नहीं अपनाएगी, जिससे सरकार की राह कुछ आसान होगी।
यदि राज्यसभा में सदन की राय बनती है कि विधेयक को संसदीय समिति या सलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए तो तृणमूल कांग्रेस भी इसका समर्थन करेगी।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तीन तलाक पर प्रतिबंध लग चुका है। इसलिए विधेयक को इसी सत्र में पारित करने की जल्दबाजी का कोई ठोस आधार सरकार के पास नहीं बनता है।