कोलकाता,एजेंसी-9 सितम्बर। पश्चिम बंगाल में एक अदालत ने मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस के विधायक सोहराब अली को दो साल कैद की सजा सुनाई। उन्हें रेलवे संपत्ति कानून के तहत सजा सुनाई गई है। सोहराब अली के वकील ने यह जानकारी दी है। अली बर्दवान के रानीगंज से विधायक हैं। उनके खिलाफ 1995 में मामला दर्ज किया गया था। उनके ठिकानों से रेलवे की संपत्तियां बरामद हुई थीं।
अली के वकील जगदींद्र गांगुली ने बताया, “आसनसोल के न्यायिक दंडाधिकारी ने अली को दोषी पाया और दो साल जेल की सजा सुनाई। लेकिन, सजा पर अमल को तीन महीने के लिए रोक दिया गया है। इस दौरान अली सजा के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील कर सकते हैं।”
उन्होंने कहा कि सजा के बाद अली की जमानत के लिए अर्जी दी गई जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया।
सर्वोच्च न्यायालय ने कह रखा है कि कोई भी विधायक या सांसद उसी दिन से सदन की सदस्यता खो देगा जिस दिन उसे दोषी करार दिया जाएगा। लेकिन, गांगुली ने कहा कि चूंकि अली की सजा पर रोक लगाई गई है इसलिए वह अभी भी पश्चिम बंगाल विधानसभा के सदस्य हैं। वह तब तक विधायक रहेंगे जब तक कि ऊपरी अदालत भी उन्हें दोषी नहीं बता देती।
लेकिन, सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश ए.के.गांगुली और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने कहा कि अली सदन की सदस्यता खो चुके हैं।
पूर्व न्यायाधीश गांगुली ने कहा, “सर्वोच्च न्यायालय के हिसाब से कोई भी सांसद या विधायक उसी दिन सदन की सदस्यता खो देता है जिस दिन उसे किसी मामले में दोषी करार दिया जाता है। भले ही वह ऊपरी अदालत में अपील करे, उसकी सदस्यता रद्द रहती है। लेकिन बंगाल में कई बार कानून को अपना काम नहीं करने दिया जाता है।”
सोमनाथ चटर्जी ने अन्नाद्रमुक नेता जयललिता के मामले के हवाले से कहा कि अपील में दोषमुक्त करार देने पर भी सदन की सदस्यता फिर से हासिल करने के लिए दोबारा चुनाव लड़ना पड़ेगा। यही बात पश्चिम बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष हाशिम अब्दुल हलीम ने भी कही।