लखनऊ. लखनऊ में अंसल ग्रुप को बड़ा झटका लगा है। जल्दी ही लखनऊ में अंसल का लाइसेंस रद्द किया जाएगा। शहीद पथ स्थित अंसल हाईटेक टाउनशिप में जमीनों की खरीद-फरोख्त में गड़बड़ी की जांच पूरी हो गई है। शासन के आदेश पर जांच करें कमेटी ने अपनी रिपोर्ट प्रमुख सचिव आवास को सौंप दी है। यह माना जा रहा है कि रिपोर्ट के आधार पर जल्द ही कार्रवाई के लिए लिए निर्देश दिए जा सकते हैं। हालांकि जांच अधिकारियों के मुताबिक पूरे मामले में एलडीए और अंसल ग्रुप से मिले दस्तावेज आधे अधूरे हैं।
अक्टूबर में हुआ था आंसर हाईटेक सिटी का निरीक्षण
आवास विभाग के राज्य मंत्री द्वारा पिछले साल 2017 के अक्टूबर माह में अंसल हाईटेक सिटी का निरीक्षण किया था । निरीक्षण के दौरान पाया गय़ा कि गरीब व दुर्बल वर्ग के लोगों के लिए अनिवार्य रूप से बनाए जाने वाले आवाज कम है। शर्तों के मुताबिक डिवेलेपर को दुर्लभ आय वर्ग के 16390 मकान बनाने थे लेकिन केवल 1472 मकान ही बने थे। यही नहीं LIG के 16390 की जगह 1696 आवाज बने थे। इस पर राज्य मंत्री ने पूरी टाउनशिप की जांच करने के आदेश देते हुए टीम गठित की थी। इसमें के उपाध्यक्ष के अलावा निदेशक आवाज अधिशासी अभियंता सहायक टाउन प्लानर सिटी आवास विकास परिषद को भी रखा गया था।
एग्रीमेंट की कॉपी देने में लेट लतीफ के आरोप लगे
अंसल हाईटेक टाउनशिप की जांच शुरू होने के बाद एग्रीमेंट की कॉपी देने में लेट लतीफ के आरोप लगे। जांच कमेटी के मुताबिक जांच नवंबर में शुरू की गई थी लेकिन आंसर के साथ एग्रीमेंट दस्तावेज एलडीए ने दिसंबर में शॉप पर गए थे। जिसमें कई सारी कमियां पाई गई थी। यही नहीं अंसल की तरफ से मुहैया करवाए गए एग्रीमेंट के दस्तावेज भी आधे अधूरे थे।
जानकारों के मुताबिक एलडीए के कई कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद अंसल एपीआई के प्रोजेक्ट का हिस्सा बन गए थे। इन पर आरोप लगाया है कि नौकरी के दौरान केंद्रीय कर्मचारी ने डेवलपर्स को काफी फायदा पहुंचाया और रिटायरमेंट के बाद उस से जुड़ गए। मामले में विजयेंद्र पांडियन, उपाध्यक्ष (जांच अधिकारी), कानपुर विकास प्राधिकरण का कहना है कि हमने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है रिपोर्ट गोपनीय होती है लिहाजा उसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी जा सकती।