विश्व प्रसिद्ध दरगाह हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती (रह.) की दरगाह के दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने देश के मुस्लिमों से फिल्म ‘पद्मावती’ का विरोध करने की अपील की. साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से फिल्म पर रोक लगाने की मांग की है.
खान ने कहा कि फिल्म के विरोध में देश के मुसलमानों को राजपूतों का समर्थन करना चाहिए. उन्होंने फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली की तुलना विवादित लेखक सलमान रश्दी, तस्लीमा नसरीन तथा तारिक फतह से करते हुए कहा कि फिल्म का मकसद किसी समुदाय की भावना को आहत करना नहीं होता है.
उन्होंने कहा, भंसाली का किरदार वैसा ही है जैसा विवादित लेखक सलमान रश्दी, तस्लीमा नसरीन और तारिक फतह का है. जिस तरह भंसाली ने इतिहास को तोड मरोड कर पद्मावती फिल्म का निर्माण किया है और देश के राजपूत समुदाय की भावनाओं को आहत किया है, उसी तरह अभिव्यक्ति की आजादी का सहारा लेकर रश्दी और तस्लीमा ने इस्लाम धर्म के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी करके मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड करने की कोशिश की है.
इस अपील पर मुस्लिम यूजर ने सोशल मीडिया पर दरगाह दीवान के खिलाफ मौर्चा खोल दिया. यूजर ने अलवर में गौरक्षा के नाम पर हुई बेदर्दी के साथ उमर की हत्या को याद दिलाते हुए सवाल किया कि दरगाह दीवान को फिल्म ‘पद्मावती’ का विरोध तो दिख रहा है, लेकिन गौआतंक के चलते मारे जा रहे मुसलमान नजर नहीं आ रहे है.
वहीँ एक अन्य यूजर ने कहा कि दरगाह दीवान हमेशा बेवजह मुद्दों को टूल देते है. मुस्लिमों के जिन मुद्दों पर आवाज उठानी होती है. उस वक्त दीवान के मुंह से आवाज नहीं निकलती.