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Thursday, September 19, 2024

दलित के बाद यूपी में महिला कार्ड, केशव प्रसाद मौर्य से इस्तीफा लेकर इन्हें जिम्मेदारी सौंप सकते हैं मोदी !


अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर पीएम मोदी योग करने के लिये लखनऊ पहुंचे थे, उससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने पीएम के स्वागत में रात्रि भोज का आयोजन करवाया था। अब जब पीएम मोदी और योगी आदित्यनाथ के साथ-साथ यूपी के दूसरे बड़े नेता एक साथ हों, तो फिर यूपी के कानून-व्यवस्था से लेकर पार्टी संगठन तक पर चर्चा होना लाजिमी है। बताया जा रहा है कि अगले महीने राष्ट्रपति चुनाव के बाद डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य यूपी बीजेपी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे देंगे।

भारतीय जनता पार्टी में एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत है, अब केशव प्रसाद मौर्य डिप्टी सीएम हैं, तो उन्हें अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना होगा, उनके स्थान पर पार्टी जल्द ही किसी नये चेहरे को बैठाएगी। यूपी बीजेपी अध्यक्ष पद की रेस में कई नाम है, जिस पर चर्चा हो रही है। इस रेस में काशी क्षेत्र के अध्यक्ष और एमएलसी लक्ष्मण आचार्य का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है, इसके अलावा जिन नामों पर चर्चा हो रही है, उनमें प्रदेश बीजेपी उपाध्यक्ष रामनरेश रावत और बाराबंकी सांसद प्रियंका रावत का भी नाम शामिल है। इनके अलावा एक और नाम जो सबसे ज्यादा चर्चा में है, वो हैं आगरा से सांसद और मोदी कैबिनेट में मंत्री रह चुके राम शंकर कठेरिया।

मौर्य के डिप्टी सीएम बनने के बाद से बीजेपी अध्यक्ष के पद पर नया चेहरा बिठाने की कवायद पिछले काफी समय से चल रही है। माना ये जा रहा है कि अमित शाह और मोदी किसी ऐसे चेहरे की तलाश में हैं, जो स्थानीय निकाय चुनाव के साथ-साथ 2019 फॉर्मूले में भी फिट बैठे। मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य की भांति ही इस बार भी किसी युवा चेहरे को ही पार्टी की बागडोर सौंपी जाएगी। सूत्रों का कहना है कि पार्टी लीडरशिप की नजर बसपा के वोटबैंक पर टिकी है, सरकार में ओबीसी और अगड़ी जातियों को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है, ऐसे में दलितों को रिझाने के लिये पार्टी की बागडोर किसी दलित चेहरे को सौंपी जा सकती है।

आपको बता दें कि 2017 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को अकेले 71 और गठबंधन को 73सीटें मिली थी, पीएम मोदी और शाह को भी मालूम है कि लोकसभा चुनाव में यूपी का क्या महत्व है, ऐसे में वो कोई रिस्क लेने की स्थिति में नहीं है। सूत्रों का कहना है कि मोदी-शाह खुद ही यूपी पर नजर रखे हुए हैं, जो भी प्रदेश अध्यक्ष होगा, वो इनका करीबी होगा। अगर इस लिहाज से देंखे, तो लक्ष्मण आचार्य का नाम सबसे आगे हैं, क्योंकि वो दलित भी है, और मोदी के संसदीय क्षेत्र की जिम्मेदारी इनके पास है। हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि राम शंकर कठेरिया को ये जिम्मेदारी मिल सकती है, क्योंकि संघ से उनकी नजदीकियां उन्हें ये पद दिलवाएंगी। हालांकि मोदी-शाह हर बार अपने फैसले से लोगों को चौंकाते रहे हैं। ऐसे में वो फिर एक बार सबको हैरान कर दें, तो किसी को हैरानी नहीं होनी चाहिये।

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