सभी को पानी मिले, इसके लिए दिजबो ने नई पहल कर इस पर अमल करना शुरू कर दिया है.
यह नई पहल है मेन लाइनों से कनेक्शन काटकर भूमिगत जलाशयों से पानी देने की. इस नई व्यवस्था का फायदा भी नजर आने लगा है और अब उन लोगों तक पानी पहुंचने लगा है, जिन्हें पानी नहीं मिलता था और पूरे बारह मास टैंकर पर निर्भर रहना पड़ता था.
दरअसल, राजधानी के जिन इलाकों में भूमिगत जलाशय नहीं बने थे, उन इलाकों में अभी तक दिजबो की मेन लाइनों से लोगों को सीधे कनेक्शन देकर पानी की आपूर्ति की जाती थी. मेनलाइन से कनेक्शन होने के कारण इन इलाकों में राउंड दी क्लॉक जलापूर्ति होती थी और ऐसे में लोग पानी का दुरुपयोग करते थे.
इसकी वजह से दूसरे क्षेत्रों में पानी नहीं पहुंच पाता था. नई व्यवस्था के तहत ऐसे इलाकों में जलबोर्ड ने मेनलाइनों से कनेक्शन काट दिए हैं और भूमिगत जलाशयों से जलापूर्ति शुरू कर दी है. इससे पानी की बचत हुई है और यह बचा हुआ पानी दूसरे क्षेत्रों में पहुंचने लगा है, जहां के लोग अभी तक इससे वंचित थे.
दिजबो सूत्रों के मुताबिक, सीलमपुर,पीलीकोठी, जनता कॉलोनी, शाहदरा साउथ, शशि गार्डन, मयूर विहार, चित्रा विहार, मंडावली, जगतपुरी, सूरजमल विहार, शास्त्री नगर, सोनिया विहार व ताहिरपुर के अलावा दक्षिणी दिल्ली के कांति नगर, संतनगर, जल विहार, मालवीय नगर, सराय काले खां व पूर्वी दिल्ली के कुछ इलाकों में अभी तक सीधे मेन लाइनों से जलापूर्ति होती थी.
पानी को दूसरे क्षेत्रों में पहुंचाने के लिए जलबोर्ड ने अब इन इलाकों में भूमिगत जलाशयों से पानी देना शुरू कर दिया है और इसका फायदा भी नजर आने लगा है. आने वाले दिनों में यह नई व्यवस्था पूरी दिल्ली में लागू हो जाएगी. दिल्ली जल बोर्ड के मुख्य अभियंता ने बताया कि बोर्ड का प्रयास है कि सभी घरों को पानी मिले. अब सभी क्षेत्रों में भूमिगत जलाशयों से तय समय में ही जलापूर्ति की जाती है.
इससे पानी का दुरुपयोग काफी हद तक रुका है, क्योंकि पहले 24 घंटे मेनलाइन से कनेक्शन वालों को पानी मिलने के कारण इसका दुरुपयोग किया जाता था. उन्होंने बताया कि छतरपुर क्षेत्र में पहले जलापूर्ति ट्यूबवेल से होती थी, इस कारण लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता था. अब वहां भूमिगत जलाशय बन गया है और लोगों को दोनों समय पानी मिल रहा है. उन्होंने कहा कि मेन लाइनों से हुए कनेक्शनों की जांच का काम जारी है.