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Thursday, November 7, 2024

दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने निजी अस्पतालों में आइसोलेशन के लिए उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को मंजूरी दी
तरन्नुम अतहर


नई दिल्ली ( करनेजी वॉइस न्यूज़ एजेंसी ) दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की महत्वपूर्ण बैठक उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में आयोजित हुई, जिसमें कोविड रोगियों के इलाज के लिए अस्पताल के बिस्तरों की दरें तय करने के लिए उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को मंजूरी दी गई। सभी निजी अस्पतालों में आइसोलेशन बेड, बिना वेंटिलेटर के आईसीयू और वेंटिलेटर के साथ आईसीयू की दरें क्रमशः 8000-10000, 13000-15000 और 15000-18000 रुपये निर्धारित की गई है।

राज निवास द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है की उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति द्वारा अनुमोदित दरें निजी अस्पतालों की कुल बेड क्षमता के 60 प्रतिशत की ऊपरी सीमा तक सभी कोविड बेड पर लागू होगी। वर्तमान में कोविड के ईलाज में लगनेवाला शुल्क क्रमशः 24000-25000 रुपये, 34000-43000 और 44000-54000 रुपये लगता है । डीडीएमए के इस निर्णय से दिल्ली के लोगों को काफी राहत मिलेगी और वाजिब दरों पर ईलाज मुहैया होगा।

दिल्ली के निजी अस्पतालों में कोविड के ईलाज के लिए आइसोलेशन बेड, बिना वेंटिलेटर के आईसीयू और वेंटिलेटर के साथ आईसीयू की दरें तय करने के लिए माननीय केन्द्रीय गृह मंत्री के निर्देश पर नीति आयोग के सदस्य डा. विनोद के. पॉल की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया
उपराज्यपाल ने यह निर्देश दिया कि सभी अस्पताल कोविड-19 के रोगियों को भर्ती करने हेतु भारत सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करेंगे। निजी अस्पतालों के बेड के लिए अनुशंसित दरें समेकित रूप से एक पैकेज के रूप में स्वीकृत होगी। पैकेज दरों में कोविड रोगियों की देखभाल की अवधि के लिए चिकित्सा देखभाल और दवाओं की लागत इत्यादि शामिल है।

उपराज्यपाल ने इस बात पर जोर दिया कि सभी रोगियों की क्लिनिकल देखभाल में सर्वोत्तम गुणवत्ता प्रदान की जानी चाहिए। उन्होंने सलाह दी कि स्वास्थ्य विभाग को मानकों के अनुसार अस्पतालों/प्रयोगशालाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि उच्च स्तरीय सीमिति की सिफारिशों के क्रियान्वयन को सख्ती से सुनिश्चित करने के लिए तथा फीडबैक और शिकायत निवारण के लिए एक कुशल प्रभावी प्रणाली लागू की जाए।

बैठक में अनिवार्य इंस्टीच्यूशनल कोरेन्टिन के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गई। जैसा कि सरकार ने इंटेंसिव समुदाय आधारित रैपिड टेस्टिंग शुरू किया है और ऐसे में यह संभव है कि होम आइसोलेशन वाले कोविड पोजिटिव में गंभीर लक्षण दिखे तो उस मरीज को अस्पताल में भर्ती कराने में तकनीकी समस्या आ सकती है। ऐसी स्थिति को रोकने के लिए यह निर्णय लिया गया है कि सभी पोजिटिव को अनिवार्य रूप से मेडिकल परीक्षण के लिए कोविड केयर सेंटर में भेजकर उनकी बीमारी की गंभीरता और अन्य लक्षणों को व्यापक रूप से पता लगाया जाएगा। इसके साथ ही यह भी भौतिक मूल्यांकन किया जाएगा कि पोजिटिव रोगियों के घर में आइसोलेशन के लिए अलग कमरे और शौचालय जैसी पर्याप्त बुनियादी सुविधाएं हैं ताकि परिवार के सदस्यों और पड़ोस में कोविड का प्रसार न हो सके।

यदि घर में आइसोलेशन के लिए पर्याप्त सुविधा मौजूद है और मेडिकल परिक्षण में व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है तो उसे कोविड केन्द्र/पेड आइसोलेशन सुविधा(होटल आदि) में रहने अथवा होम आइसोलेशन का विकल्प दिया जाएगा। जो लोग होम आइसोलेशन में हैं उन्हें स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा निर्धारित होम आइसोलेशन गाईडलाईंस का पालन करना चाहिए और स्वास्थ्य देखभाल परामर्श दाताओं के संपर्क में रहना चाहिए। ताकि स्थिति बिगड़ने पर उन्हें कोविड अस्पताल में दाखिल कराया जा सके। इस संबंध में पूर्व के आदेशों में संशोधन किया जाएगा।

हाल में केंद्रीय गृह मंत्री के मार्गदर्शन में दिल्ली में कोविड टेस्टिंग की संख्या में भारी वृद्धि की गई है और लोगों के लिए टेस्टिंग की दरों को भी काफी सस्ती कर दी गई है। माननीय गृह मंत्री के निर्देश पर गठित समिति के सिफारिशों के अनुसार निजी अस्पतालों की दरों को कम करने का निर्णय लिया गया जो कोविड के खिलाफ लडाई में लोगों की मदद करेगा।

उपराज्यपाल महोदय ने सभी स्टेकहोल्डर के प्रयासों की सराहना की और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर को तेजी से बढ़ाया जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि हर एक जीवन अनमोल है और प्रत्येक मरीज को हर संभव उत्तम उपचार सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए।

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