नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग ने राजधानी में लड़कियों से जुड़ी इस मुद्दे पर सभी जिला अधिकारियों को नोटिस भेजा है। जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर…
दिल्ली महिला आयोग ने नोटिस भेजकर राजधानी में होने बाल विवाह के मामलों की जानकारी मांगी है। आयोग ने लिखा है कि पिछले कुछ समय में राजधानी में बाल विवाह की कई शिकायतें दिल्ली महिला आयोग के सामने आई हैं और कुछ मामलों में पाया गया है कि बाल विवाह निषेध कानून अपना काम ठीक से करने में असमर्थ रहा है।
नोटिस भेजकर जवाब मांगा
साथ ही बाल विवाह करवाने वाले अपराधियों को दंड दिलवाने में असफल रहा है। इस तरह के मामले सामने आने के बाद दिल्ली महिला आयोग ने राजधानी में इस कानून के क्रियान्वयन का आंकलन करने का फैसला किया है। इसी सिलसिले में आयोग ने सभी जिलाधिकारियों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है।
आयोग ने मांगी ये सूचनाएं
आयोग ने कई सूचनाएं मांगी हैं। जैसे – 2013 से अब तक राजधानी में बाल विवाह के कितने मामले सामने आये हैं? इन शिकायतों पर अब तक क्या कार्रवाई की गयी है? क्या बाल विवाह निषेध अधिकारी अपने क्षेत्र में लोगों को बाल विवाह के खिलाफ जागरूक करने के लिए कैंप का आयोजन करते हैं? क्या बाल विवाह निषेध अधिकारी समय-समय पर रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपते हैं और इस कानून का पालन कराने में उनको क्या-क्या परेशानियों का सामना करना पड़ता है? आयोग ने 25 जनवरी तक जवाब दाखिल करने को कहा है।
सख्ती से पालन हो यह कानून
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति जय हिन्द का कहना है कि लड़कियों के बाल विवाह पर पूर्ण रोक लगनी बहुत जरूरी है। यह तभी संभव होगा जब बाल विवाह निषेध कानून का सख्ती से पालन करवाया जाये।