सरकार द्वारा पैकेज फार्म भरवाए जाने का दबाव बनाए जाने के विरोध में केबल ऑपरेटरों ने हड़ताल कर दी.
हड़ताल का असर दिल्ली के दो तिहाई इलाकों पर पड़ा. केबल ऑपरेटरों के आंदोलन का समर्थन आरडब्ल्यूए भी कर रहे हैं. सनद रहे कि एमएसओ ने केबल ऑपरेटरों से अपने उपभोक्ताओं से 30 अप्रैल तक पैकेज फार्म भरवाकर जमा करने को कहा है. मंगलवार को केबल ऑपरेटर फार्म जमा नहीं कराते हैं तो उनका प्रसारण रोक दिया जाएगा.
छह माह पहले जब सरकार ने चार महानगरों में डिजिटलाइजेशन शुरू किया था तो उस समय भी जिन लोगों के घरों में सेट टॉप बाक्स नहीं लगा था वह टेलीविजन कार्यक्रम देखने से तब तक वंचित रहे थे जब तक सेट टॉप बॉक्स नहीं लगवाया. केबल ऑपरेटरों का आरोप है कि उनके ऊपर मल्टी सर्विस ऑपरेटर (एमएसओ) जबरदस्ती यह दबाव बना रहे हैं कि हम उपभोक्ताओं से पैकेज फार्म भरवाएं, जबकि उपभोक्ता इस फार्म को भरना नहीं चहता.
नार्थ दिल्ली केबल ऑपरेटर एसोसिएशन के महासचिव नरेन्द्र कुमार डाबड़ी के अनुसार नये पैकेज फार्म को भरने से उपभोक्ताओं को मौजूदा शुल्क की तुलना में तीन गुने से भी ज्यादा शुल्क देना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि किसी भी स्थिति में दो सौ रुपए से अधिक का पैकेज नहीं हो. अभी चार तरह के पैकेज शुल्क हैं जो सौ रुपए से लेकर चार सौ रुपए तक का है. इसके अलावा हमारी मांग है कि लोकल केबल ऑपरेटरों का कमीशन 35 के बजाय 75 फीसद किया जाए.
वेस्ट दिल्ली केबल ऑपरेटर एसोसिएशन के विनीत तिवारी के अनुसार एमएसओ और सरकार ने तो उपभोक्ताओं की पसंद का ख्याल ही नहीं रखा है. वह अपनी मर्जी थोप रही है. पैकेज ऐसे बनाए गए हैं कि उपभोक्ताओं को हर हाल में अधिकतम शुल्क वाला पैकेज ही लेना पड़े. क्योंकि सौ रुपए वाले पैकेज शुल्क और मनोरंजन कर के साथ 133/-रुपए में पड़ेगा और केबल ऑपरेटर उपभोक्ताओं से 150 रुपए वसूलेगा. इस शुल्क में उसे सौ फ्री टू एयर चैनल देखने को मिलेंगे.
जबकि अगर कोई डीटीएच लगवाता है कि तो उसे सिर्फ पहली बार सेट टॉप बाक्स लगावाने का पैसा खर्च होगा बाद में फ्री टू एयर वह बगैर कोई शुल्क चुकाए देखता रहेगा. यह सुविधा केबल उपभोक्ताओं को नहीं मिलेगी. तिवारी और नरेन्द्र कुमार के अनुसार केबल ऑपरेटरों के हड़ताल का असर दो तिहाई दिल्ली के उपभोक्ताओं पर पड़ा है. इन लोगों ने दावा किया कि अगर उनकी मांगों पर सरकार गौर नहीं करती है तो मंगलवार से पूरी दिल्ली में ब्लैक आउट होगा. इन दोनों ने कहा कि उन्हें स्थानीय आरडब्ल्यूए का भी समर्थन हासिल है.
सरकार को जो काम पहले करना चाहिए था उसे अब कर रही है – रस्तोगी
ऑल इंडिया अविष्कार डिश एंटिना संघ के अध्यक्ष डा. एके रस्तोगी ने कहा कि सरकार को जिस काम को सबसे पहले करना चाहिए था उसे सबसे बाद में कर रही है. उन्होंने कहा कि एक नवम्बर से पहले सभी उपभोक्ताओं से पैकेज फार्म भरवा लिए जाने चाहिए थे लेकिन सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. इतना ही नहीं जब डिजिटलाइजेशन किया गया तो उस समय उपभोक्ताओं से यह कहा गया कि आप जितना पे चैनल देखेंगे उतना पैसा देंगे. लेकिन अब छह महीने बाद उनके ऊपर जबरदस्ती पैकेज बना कर थोपा जा रहा है.
उन्होंने कहा कि इस समय साढ़े पांच सौ चैनल हैं, जिनमें से 160-62 ही पे-चैनल. शेष फ्री टू एयर चैनल हैं लेकिन सरकार ने जो सौ रुपए का पैकेज बनाया है उसमें जो फ्री टू एयर चैनल शामिल हैं उसे दिल्ली के उपभोक्ता के लिए एक भी चैनल नहीं है. वह क्यूं सरकार या एमएसओ द्वारा बनाए गए पैकेज लेगा. उपभोक्ता तो सौ फ्री टू एयर चैनल और अपनी पंसद के 10-20 या 50 पे-चैनल लेना चाहता है लेकिन यहां तो एमएसओ अपनी मर्जी थोप रहे हैं. जिसका विरोध उपभोक्ता कर रहे हैं.
रस्तोगी के अनुसार विरोध की एक वजह यह भी है कि डिजिटलाइजेशन के बाद से अब तक केबल ऑपरेटर सौ से 150 रुपए के बीच उपभोक्ताओं को सभी फ्री टू एयर और पे-चैनल दिखा रहे थे अब अचानक उनसे उन्हीं चैनलों के बदले तीन से चार सौ रुपए देने को कह रहे हैं तो उपभोक्ताओं को तो ऐसा लग रहा है जैसे केबल ऑपरेटर लूट रहा है. क्योंकि बाजार में उससे कम कीमत पर डीटीएच मिल रहा है. वह केबल ऑपरेटर को केबल हटा लेने की बात कर रहा है.