दिल्ली में हुए विधान सभा के चुनाव के परिणाम ये बताने के लिए काफी हैं कि देश की जनता का मूड क्या है,जनता अपने हित को सर्वोपरि मान रही है ये अलग बात है कि राष्ट्र की सुरक्षा उसका असल मुद्दा है लेकिन जिससे जो हो सकता है जनता वही लेना चाहती है क्योंकि जिस लोक सभा चुनाव में भाजपा ने दिल्ली में सभी का सूपड़ा साफ कर दिया था उसी पार्टी को विधानसभा चुनाव में अपनी साख बचाने के भी लाले पड़ गए।
जैसा कि दिल्ली में हुए चुनाव के बाद आये एग्जिट पोल बता रहे थे कि दिल्ली में आप की वापसी तय है लेकिन इस पोल में भाजपा को झोल नज़र आ रहा था परंतु जैसे ही 11 फरवरी की सुबह घड़ी में 8 बजे और बैलेट बॉक्स खुलने लगे उससे ये साफ होता चला गया कि दिल्ली की जनता के दिल मे अभी भी केजरीवाल हैं ये अलग बात है कि इस बार भाजपा अपनी जीत को लेकर आश्वस्त थी लेकिन भाजपा का केजरीवाल को लेकर दुष्प्रचार और उनके नेताओ के ऊलजलूल भाषणों ने केजरीवाल का रास्ता और भी आसान कर दिया था।
भाजपा ने वही किया जो आप चाहती थी लेकिन आप ने ऐसा बिल्कुल नही किया जिससे भाजपा को कोई फायदा होता।तो इस बार के चुनाव में भाजपा को बढ़त तो मिली लेकिन उतनी नही जितनी कुर्सी पाने के लिए काफी थी लेकिन आप को पिछली बार से ज़्यादा नुकसान भी नही हुआ क्योंकि केजरीवाल ने जनता को वो दिया जिसकी उनको चाहत थी इस बार फिर केजरीवाल 60 के पार दिखे तो वही भाजपा दहाई का आंकड़ा भी नही छू पाई है।और हां कांग्रेस को यहां एक बार फिर खाता खोलने का मौका तक नही मिला।