दीपक ठाकुर:-NOI।
24 फरवरी को जो कुछ दिल्ली में हुआ वो ज़ाहिर तौर पर दिल दहलाने वाला था लेकिन अब वहां ऐसा कुछ नही है ये बात भी साफ है क्योंकि अब पुलिस प्रशासन पूरी तरह हरकत में है
और दंगाई अपनी गुफा में रहने को मजबूर हैं फिर भी 1 मार्च को देर शाम दिल्ली में अफवाह की एक ऐसी हवा बही जिसने दिल्ली ही नही पूरे देश को सहमा सा दिया था कि अरे ये दिल्ली में क्या हो रहा है क्यों लोग एक दूसरे के जान के दुश्मन बन गए हैं लेकिन कुछ देर बाद ही मीडिया ने जो खबर दिखाई उसने उस कोरी अफवाह पर पूरी तरह पूर्ण विराम लगा दिया कि दिल्ली में दंगाईयों का बोलबाला है।
द्वारका से लेकर मंगोलपुरी तक देर रात की जो तस्वीर दिखाई दी उसने बताया कि यहां लोग अफवाह से डरे ज़रूर थे पर पुलिस की सक्रियता से उस डर पर जल्द काबू पा लिया गया और लोग बेख़ौफ़ हो कर सड़को पर दोबारा लौट आये।पुलिस ने वहां फ्लैग मार्च के ज़रिए लोगों में हौसला बढ़ाने का बेहतरीन काम किया साथ ही अफवाह फैलाने वालों पर भी पुलिसिया कार्यवाही की जिस कारण लोग भी दिल्ली पुलिस ज़िंदाबाद के नारे लगाने को विवश हो गए ज़ाहिर है कि पुलिस की सक्रियता ने इस बार अफवाह को मुह तोड़ जवाब देने में कामयाबी हासिल की है जिस कारण 24 फरवरी का वाकया दोहराया नही जा सका तो अब सवाल यही है कि ऐसी ही सतर्कता अगर दिल्ली पुलिस ने पहले दिखाई होती तो आज दिल्ली में अफवाह को भी जगह नही मिलती
क्योंकि वो 24 फरवरी का ख़ौफ़ नाक मंज़र दिल्ली वालों की आंखों के सामने जो ना होता इसलिए पुलिस अपना काम मुस्तेदी से करे तो दिल्ली ही नही पूरा देश अमन चैन से रहेगा और हमारी एकता पर प्रश्न चिन्ह भी नही लगेगा।