नई दिल्ली, एजेंसी । योगी राज आने के बाद अवैध बूचड़खानों और मीट की दुकानों के खिलाफ हुई कार्रवाई के बाद शहर में मीट कारोबार लगभग ठप हो गया है। अधिकांश मीट की दुकानें बंद हैं लेकिन शहर के कुछ हिस्सों में अवैध पशु कटान जारी है और घरों से मीट की सप्लाई हो रही है। यह दुकानों और शहर में चल रही बिरायनी की ठेलों तक पहुंच रहा हैै।
मीट कारोबार की स्थिति यह है कि शहर में जिन लोगों के पास लाइसेंस था वे भी दुकान बंद करके बैठे हैं। कुछ मीट विक्रेता अपनी दुकानों को दुरुस्त कराने में जुटे हैं। वहीं दूसरी ओर कुबेरपुर में स्थित नगर निगम के स्लाटर हाउस में भी महज 20-30 पशु प्रतिदिन काटे जा रहे हैं, जबकि यहां करीब 150 पशु प्रतिदिन काटने की अनुमति है। बावजूद इसके शहर में मीट की सप्लाई हो रही है। शहर में यमुनापार इलाके में घरों बकरे काटने की सूचना है। बताया जाता है कि घरों से ही मीट सप्लाई हो रही है। सुबह दस बजे तक बिक्री बंद कर दी जाती है। चोरी छुपे हो रहे कटान से शहर में ढाबों, रेस्टरोरेंट और बिरियानी की ढेलों तक मीट पहुंचाया जा रहा है। नगर निगम के पशु चिकित्सा अधिकारी डाय योगेश शर्मा का कहना है कि ऐसे लोगों पर नजर रखी जा रही है। यदि कोई ऐसा करता पकड़ा गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
नवरात्र मिल सकती है मीट विक्रेताओं को राहत
मीट की दुकान के लाइसेंस पाने के लिए नगर निगम और एफएसडीए में हर रोज भीड़ लगी रहती है लेकिन अभी तक नए लाइसेंस जारी नहीं किए जा रहे हैं। नगर निगम के पशु चिकित्साधिकारी का कहना है कि जिन लोगों ने आवेदन किए हैं पहले उनके पुलिस सत्यापन होगा। उसके बाद एफएसडीए से लाइसेंस जारी होगा उसके बाद निगम लाइसेंस जारी करेगा। उन्होेंने बताया कि नवरात्र के बाद इस मसले पर उच्चाधिकारियों के स्तर से कोई फैसला होगा।
शासन ने मांगी मीट की दुकानों की रिपोर्ट
शासन ने प्रदेश भर के नगर निगमों से मीट की दुकानों और बूचड़खानों के खिलाफ कार्रवाई की रिपोर्ट तलब की है। निदेशक स्थानीय निकाय राकेश कुमार मिश्र ने पत्र जारी कर कहा है कि एक निर्धारित प्रारूप पर सभी नगर निगम जानकारी भेजें कि कितने बूचड़खाने बंद कराए गए और कितनी मीट की अवैध दुकानों के खिलाफ कार्रवाई की गई।