नई दिल्ली: वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ ने बुधवार को कहा कि दुनिया में कोई भी देश उस तरह के गंभीर खतरे का सामना नहीं कर रहा है जैसा भारत कर रहा है. उन्होंने कहा कि दुश्मनों के इरादे रातोंरात बदल सकते हैं और वायु सेना को उनके स्तर के बल की जरुरत है.
चीन-पाक बना रहे बेहतर एयरफोर्स
वायुसेना प्रमुख ने सरकार के उस कदम को सही ठहराया है जिसके तहत राफेल के बस दो स्क्वाड्रन खरीदे जा रहे हैं. उन्होंने इस कदम का बचाव करते हुए कहा कि ऐसी खरीद के उदाहरण मौजूद हैं. उन्होंने ये भी कहा कि महज़ चीन ही नहीं, पाकिस्तान भी अपने एयरफोर्स को मॉडर्नाइज़ कर रहा है.
42 स्क्वाड्रन (दल) की दरकार, हैं महज़ 31
वायु सेना प्रमुख ने कहा कि भारत के पड़ोसी निष्क्रिय नहीं बैठे हैं और चीन जैसे देश अपनी वायु सेना का आधुनिकीकरण कर रहे हैं. वहीं, उन्होंने सबसे बड़ी जानकारी देते हुए कहा कि चीन-पाकिस्तान की साझा ताकत से निपटने के लिए भारत को 42 स्क्वाड्रन (दल) की दरकार है लेकिन देश के पास अभी महज़ 31 स्क्वाड्रन हैं.
चीन-पाक के लिए42 स्क्वाड्रन भी काफी नहीं
उन्होंने इससे भी बड़ी बात ये कही कि अगर एयरफोर्स के पास 42 स्क्वाड्रन भी हो तब भी भारत के लिए चीन और पाकिस्तान की साझा ताकत से मुकाबला करना संभव नहीं होगा. उन्होंने ये भी कहा कि सरकार एयरफोर्स की ताकत बढ़ाने के लिए राफेल और एस- 400 जैसे हथियार खरीद रही है.
राफेल और एस-400 से बढ़ेगी ताकत
‘भारतीय वायु सेना के बल की संरचना, 2035’ पर एक सेमीनार में धनोआ ने कहा कि सरकार भारतीय वायु सेना की क्षमताएं बढ़ाने के लिए राफेल लड़ाकू विमान और एस-400 मिसाइल खरीद रही है. उन्होंने राफेल विमान के केवल दो बेड़ों की खरीद को उचित बताते हुए कहा कि इस तरह के खरीद के उदाहरण पहले भी रहे हैं.