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Sunday, September 8, 2024

दुष्कर्म का आरोपी 72 घंटे के ट्रांजिट रिमांड पर

hathauda

मुजफ्फरपुर –  दिल्ली के गांधीनगर इलाके में पांच साल की बच्ची से दुष्कर्म के मुख्य आरोपी मनोज कुमार साह को कड़ी सुरक्षा में शनिवार की सुबह एसडीजेएम पश्चिमी के कोर्ट में पेश किया गया। पुलिस की अर्जी पर अदालत ने 72 घंटे के ट्रांजिट रिमांड पर उसे दिल्ली ले जाने की अनुमति प्रदान की।

तदोपरांत पुलिस टीम उसे नगर थाने लाई, जहां डीएम व एसएसपी के निर्देश पर सदर अस्पताल से आई डाक्टरों की विशेष टीम ने आरोपी का स्वास्थ्य परीक्षण किया। टीम में सदर अस्पताल के डॉ. के जमां के साथ कई अन्य वरीय चिकित्सक थे। उन्होंने बताया कि आरोपी की तबीयत ठीक है। ब्लड प्रेशर सामान्य है। मीडिया द्वारा उनसे जब पूछा गया कि कहीं वह विक्षिप्त तो नहीं है। इस पर डॉक्टर ने साफ इन्कार करते हुए कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। पुलिस लाइन से आए एफएसएल यूनिट व वज्रवाहन के साथ पुलिस टीम उसे अपने साथ लेकर पटना के लिए रवाना हो गई। इस दौरान कोर्ट परिसर से लेकर नगर थाने तक लोगों की भीड़ लगी रही। लोगों द्वारा दरिंदे को फांसी व मार देने की आवाज लगाई जा रही थी। दिल्ली पुलिस के अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार की देर रात मनोज को करजा के चिकनौटा स्थित उसके ससुराल से पकड़ा गया।

पांच दिनों पूर्व हुई थी

घटना

दिल्ली पुलिस ने बताया कि पांच दिन पूर्व यानी 15 अप्रैल को पूर्वी दिल्ली के गांधीनगर इलाके में आरोपी ने बच्ची को अगवा कर बंद कमरे में उसके साथ दुष्कर्म किया था। इस दौरान मारपीट कर उसके शरीर पर जख्म भी पहुंचाए थे। बच्ची के पेट में मोमबत्ताी और प्लास्टिक का एक बोतल भी डाल दिया था। ऑपरेशन में डॉक्टरों ने उसे बाहर निकाला।

स्वतंत्रता सेनानी ट्रेन

से आया था मुजफ्फरपुर

पुलिस का कहना है कि घटना के बाद 15 अप्रैल की शाम में ही आरोपी स्वतंत्रता सेनानी ट्रेन से मुजफ्फरपुर के लिए निकल पड़ा था। 16 को वह अपने गांव पहुंचा। फिर 17 को अपने ससुराल चिकनौटा गांव में आ पहुंचा। पूछताछ में पता चला है कि मनोज की चार बहनें है। उसके पिता दिल्ली में ही जूस का ठेला लगाते हैं। जबकि मनोज टेलरिंग का काम करता है।

दिल्ली पुलिस कमिश्नर के

निर्देश पर दौड़ती रही पुलिस

– आरोपी को पकड़ने के लिए आई दिल्ली की विशेष पुलिस टीम शुक्रवार की सुबह मुजफ्फरपुर पहुंची। वह अपने ऑपरेशन के बारे में स्थानीय पुलिस के साथ भी गोपनीयता बरत रही थी। आलाधिकारियों को भी यह पता नहीं था कि दिल्ली पुलिस कहां पर छापेमारी करने वाली है। टीम मोबाइल टावर लोकेशन पर दौड़ लगाती रही। काफी मशक्कत के बाद टीम को करजा थाने के चिकनौटा गांव स्थित उसकी ससुराल में सफलता प्राप्त हुई।

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