लखनऊ – प्रदेश में बढ़ती महिला हिंसा खासतौर पर अलीगढ़, बुलंदशहर की हालिया घटनाएं व दिल्ली में पांच वर्ष की बच्ची के साथ हुई दुष्कर्म की मार्मिक घटना से शहर के महिला व छात्र संगठन गुस्से में हैं। संगठनों ने विरोध प्रदर्शन कर उक्त मामलों में जिम्मेदार पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने की मांग की।
अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति(एडवा), नौजवान सभा व स्टूडेंट फेडरेशन द्वारा छोटी बच्चियों के साथ दुराचार की घटनाओं के खिलाफ शनिवार को विधान भवन के सामने प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदेश और केंद्र सरकार का पुतला जलाया गया। जुलूस का नेतृत्व कर रहीं एडवा उपाध्यक्ष सुभाषिनी अली ने कहा कि दुराचार की बढ़ती घटनाओं और विशेषकर बच्चियों के साथ हो रही घटनाओं ने संवेदनशील नागरिकों को झकझोर कर रख दिया है। जब तक दुराचारियों को निश्चित समय सीमा में सजा नहीं मिलेगी तब तक इन अपराधों पर रोक लगाना मुश्किल है। सुभाषिनी ने कहा कि पुलिस का रवैया बहुत चिंताजनक है। पीड़ितों की मदद के बजाए उन्हें पीटने की सजा निलंबन नहीं बर्खास्तगी होनी चाहिए। प्रदेश में फास्ट ट्रैक कोर्ट की व्यवस्था न होने से अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। राजधानी के आशियाना कांड में आठ साल बाद भी आरोपी की उम्र तक तय नहीं हो सकी है। संगठनों ने कहा कि महिला हिंसा की बढ़ती घटनाओं के खिलाफ व्यापक आंदोलन किया जाएगा। इस दौरान एडवा की प्रांतीय सचिव मधु गर्ग, कनक, सीमा राना, नन्दिनी बोरकर, चन्द्रा, माया, एसएफआइ के अनुपम, प्रवीन, अखिल विकल्प व डीएफआइ के प्रवीन सिंह, राधेश्याम मौजूद थे।