मुंबई – दूरदर्शन के उर्दू चैनल पर कुकिंग शो ‘टेस्ट की बात है’ के नाम से प्रसारित एक कार्यक्रम में ‘सूअर की रेसिपी’ दिखाए जाने से मुस्लिम समुदाय बेहद खफा है। नौ अप्रैल को प्रसारित इस कार्यक्रम में सूअर का सूप बनाने और उसके जायके के नुस्खे बताए गए थे। मुस्लिम दर्शकों ने यह कार्यक्रम प्रसारित किए जाने पर हैरानी जताई है।
उनका कहना है कि यह पूरी तरह से साफ है कि उर्दू चैनल देखने वालों में सबसे ज्यादा मुस्लिम दर्शक हैं, लेकिन चैनल ने इस एपिसोड को प्रसारित कर अपनी असंवेदनशीलता का परिचय दिया है। क्या इन्हें पता नहीं है कि इस्लाम में सूअर हराम है।
जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में इस्लामिक स्टडिज के प्रोफेसर अख्तरुल वासे ने कहा कि ऐसे प्रोग्राम को प्रसारित करने से पहले सतर्क रहना चाहिए, जिससे धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं। इससे बचा जा सकता था।
डीडी उर्दू के प्रोग्रामिंग एग्जेक्युटिव एम. सेनगुप्ता ने कहा कि कुकिंग सीरीज टेस्ट की बात है अलग-अलग पाक शैली, लाइफ स्टाइल पर एपिसोड प्रसारित करता है। इसमें कोई खास समुदाय पर फोकस नहीं किया जाता है, लेकिन हम इस खास एपिसोड की तहकीकात करेंगे कि इसे क्यों प्रसारित किया गया।
इस्लामिक स्कॉलर जीन्नत शौकत अली ने कहा कि हम लोगों के टेस्ट पर प्रतिबंध नहीं लगा सकते हैं। हालांकि, यह बात सच है कि डीडी उर्दू के ज्यादातर दर्शक मुस्लिम हैं। पवित्र कुरान में सूअर का मांस हराम है। ऐसे में कोई मुस्लिम इस प्रोग्राम को सराह नहीं सकता है।
उर्दू कॉलमिस्ट फिरोज बख्त अहमद का कहना है कि डीडी उर्दू एक खास समुदाय में बेहद लोकप्रिय है। मैं तो चकित हूं कि किसी ने सोचा तक नहीं कि इस कार्यक्रम से एक समुदाय की भावनाएं आहत होंगी।