अहमदाबाद: देशद्रोह के एक मामले में एक अदालत ने शुक्रवार को पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के खिलाफ आरोप तय करने की प्रक्रिया अगले महीने के लिए टाल दी. हार्दिक के वकीलों ने अदालत से सुनवाई टालने का अनुरोध किया, क्योंकि मामले से आरोपमुक्त करने की मांग वाला उनका आवेदन गुजरात उच्च न्यायालय के सामने लंबित है. पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता अदालत के पिछले महीने के निर्देश के अनुसार शुक्रवार को शहर की सत्र अदालत में मौजूद थे. हार्दिक के वकीलों ने स्थगनादेश की मांग करते हुए कहा कि उच्च न्यायालय नौ अक्तूबर को उनकी याचिका पर अंतिम सुनवाई करेगा.
सत्र न्यायाधीश डी पी महिदा ने आग्रह स्वीकार करते हुए आरोप तय करने की प्रक्रिया को 12 अक्तूबर के लिए टाल दिया. आरोप तय होने के बाद सुनवाई शुरू होती है.इस मामले में जमानत पर रिहा चल रहे पटेल ने निचली अदालत द्वारा उनका आरोपमुक्त आवेदन खारिज करने के बाद इस साल अप्रैल में उच्च न्यायालय में उस समय याचिका दायर की थी.
अहमदाबाद पुलिस की अपराध शाखा ने अगस्त 2015 में पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान ‘‘सरकार को हटाने की मंशा से’’ कथित रूप से हिंसा भड़काने पर पटेल और उनके सहयोगियों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया था.
बता दें, हार्दिक पटेल आरक्षण की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर थे. 19 दिनों के बाद हार्दिक पटेल ने अपना उपवास खत्म कर दिया. पाटीदारों के लिए आरक्षण और कृषि कर्ज माफी की मांग को लेकर गुजरात सरकार और पटेल के बीच कोई बातचीत नहीं हुई.