इरफान शाहिद:NOI।
भारत में आज रात नौ बजे जो दर्शय दिखाई दिया वो अमूमन तब दिखाई देता है जब देश मे दिवाली का त्योहार मनाया जाता है और त्योहार खुशी मनाने के लिए ही मनाया जाता है ये बात भी सभी जानते हैं तो 5 अप्रैल को हमने दिवाली क्यों मनाई जबकि अभी तो देश मे कोरोना का संकट है तो इसका जवाब है कि ये दिवाली उसी संकट से निपटने के लिए हमे संकल्पित होने की इस बात को समझाने की के इस कोरोना रूपी अंधकार में भी हम खुश इसलिए हैं क्योंकि ये अंधेरा कल नही होगा और कल का सूरज हमारे भारत देश के लिए शुभ संकेत लेकर आएगा।
कोरोना से डरना नही उससे लड़ना है यही बात हमारे देश के प्रधानमंत्री ने हम देशवासियों को कई बार समझाई उनकी बात पर देश ने अमल भी किया जिसका नज़ारा पूरे विश्व ने कई बार देखा और इस बार भी दिवाली देखी जिसमे दिए से सारा देश जगमगा उठा एक उम्मीद सभी के मन मे दिखाई दी कि हम कोरोना से डरेंगे नही उससे लड़ेंगे और उसे भारत से भगा कर ही दम लेंगे।
5 अप्रैल को भारत का हर नागरिक रात नौ बजे का इंतज़ार करता नजर आया लाकडाउन का सामना कर रहे इस देश के हर नागरिक में वो जज़्बा दिखाई दिया जो कोरोना से हार नही मानने वाला था क्या बच्चे क्या जवान और क्या बुज़ुर्ग सभी ने इस दिवाली में 9 मिनट की रोशनी कर एक ऐसा संदेश दिया जिससे कोरोना भी कांप गया होगा और उम्मीद है कि वो अब यहां ज़्यादा दिन नही ठहरेगा क्योंकि वो समझ गया कि भारतवासियों को डराना मुश्किल ही नही नामुमकिन है क्योंकि यहां का राजा और प्रजा सभी जिंदादिल हैं जिन्हें ज़िन्दगी से प्यार है इसलिए इनकी दिवाली के दियों ने कोरोना को भागने का संदेश दिया है।